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#Himachal: शिक्षा क्षेत्र में इन 3 कार्यक्रमों का होगा आगाज, मदरसों को लेकर क्या बोले मंत्री-जानिए
शिमला। हिमाचल (#Himachal) में शिक्षा क्षेत्र में अभिभावकों, टीचर (Teacher) व छात्रों से संपर्क के लिए तीन कार्यक्रम शुरू होने जा रहे हैं। एक तो हिमाचल में ई-पीटीएम (E-PTM) के दूसरे फेज का आज शुभारंभ होगा। इसके साथ ही ई संवाद कार्यक्रम हायर क्लासों के लिए प्रारंभ किया जाएगा। उज्जवल भविष्य पर करियर गाइडेंस को भी आज शुरू किया जा रहा है। इससे हिमाचल में कोरोना काल में अभिभावकों, टीचरों व छात्रों से संवाद करने में और आसानी होगी। यह जानकारी हिमाचल अभी अभी (Himachal Abhi Abhi) से बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हर वर्ग व क्षेत्र प्रभावित हुआ है। शिक्षा जगत पर भी इसका असर पड़ा है। सरकार का प्रयास है कि इससे होने वाले प्रभाव को कम किया जा सके व बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर (Education Minister Govind Thakur) ने कहा कि चार अगस्त से 7 अगस्त तक हिमाचल में ई पीटीएम का प्रयोग किया गया था। इसके माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के साथ प्रदेश के करीब 48 हजार टीचर ने पीटीएम की है। करीब 92 फीसदी अभिभावकों ने इसमें भाग लिया था। इसके अलावा हर घर पाठशाला अभियान के माध्यम से करीब 88 फीसदी अभिभावकों के साथ संपर्क किया गया। आज हिमाचल में शिक्षा जगत में बेहतरी के लिए तीन अभियान शुरू करने जा रहे हैं। ई पीटीएम का दूसरा फेज आज से शुरू होगा। वहीं, 2019 में सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने ई संवाद कार्यक्रम प्रारंभ किया था। तब यह एलीमेंटरी कक्षाओं तक था। आज से एलीमेंटरी (Elementary) से उपर की कक्षाओं यानि हायर क्लासों के लिए शुरू करने जा रहे हैं। इसकी भी आज लॉचिंग होगी। उज्जवल भविष्य इस पर कैरियर गाइडेंस अभियान भी आज से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि इन तीन कार्यक्रमों से अभिभावकों, टीचर व छात्रों से अच्छा संपर्क होगा। हम शिक्षा के क्षेत्र में अधिक सुविधाएं प्रदान करने में सफल होंगे।
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मदरसों को बंद करने के असम सरकार के निर्णय पर उन्होंने कहा कि अभी तक इस दिशा में जो उनका बयान आया है, पूरी प्रकार से पढ़ा नहीं है। अभी तक असम (Assam) की सरकार ने इस पर क्या विशेष रूप से विचार किया है यह जानना बाकी है। जितनी जानकारी है तो यह कहा जा सकता है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति व आधुनिक शिक्षा से जोड़े जाना जरूरी है। असम सरकार ने इस मुद्दे पर अध्ययन कर क्या किया है, इसकी विस्तृत जानकारी के बाद अगली जानकारी देंगे।
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