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तो अब अंतरिक्ष से धरती पर मिलेगी बिजली, यूरोपीय स्पेस एजेंसी करेगी रिसर्च
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (european space agency) इस बात पर विचार करने जा रही है। इसमें मुख्य बातचीत विशाल उपग्रहों (giant satellites) पर कक्षाएं स्थापित करने पर होगी। वहीं हर उपग्रह एक पावर स्टेशन की तरह बिजली पैदा करने में सक्षम हो इस बात पर भी मंथन किया जाएगा। वहीं माना जा रहा है कि इसके लिए तीन साल तक अध्ययन करने के लिए मंजूरी भी दी जा सकती है। इसमें यह रिसर्च की जाएगी कि क्या अंतरिक्ष और फार्म काम कर सकते हैं। यदि वे काम कर सकते हैं तो कितना सही काम कर सकते हैं। इस पर कितनी लागत आ सकती है। इस संबंध में ईएसए के महानिदेशक जोसेफ एशबैकर (ESA Director General Joseph Eschbach) ने कहा कि उनका मानना है कि भविष्य में ऊजा की कमी को पूरा करने के लिए अंतरिक्ष से सौर ऊर्जा बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकती है।
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उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें कार्बन तटस्थ अर्थव्यवस्थाओं को बदलने की जरुरत है और इसलिए हम ऊर्जा का उत्पादन के तरीकों परिवर्तन करना चाहते हैं और विशेष रूप से हम ऊर्जा उत्पादन के जीवाश्म ईंधन वाले हिस्से को कम करें। ईएसए अपने सदस्य देशों से एक शोध कार्यक्रम के लिए फंड की मांग कर रहा हैए जिसे सोलारिस (solaris) कहा जाता हैए जिसमें पता लगाया जाएगा कि क्या अंतरिक्ष आधारित सौर ऊर्जा को विश्वसनीय रूप से और प्रभावी लागत के तरीके से विकसित करना संभव है। यह कार्यक्रम पेरिस में ईएसए की बैठक में अनुसंधान पर विचार किए जाने वाले कई प्रस्तावों में से एक हैए जो अंतरिक्ष अन्वेषण, पर्यावरण निगरानी और संचार के लिए अंतरिक्ष एजेंसी की योजनाओं के अगले चरण के लिए बजट निर्धारित करेगा।