-
Advertisement
एचपीयू के वीसी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतिम सुनवाई 30 को
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ( High Court) में एचपीयू के वीसी डॉ सिकंदर कुमार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतिम सुनवाई 30 जुलाई को होगी। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर के समक्ष गुरुवार को मामले पर लंबी बहस हुई परन्तु सभी पक्षकारों की ओर से बहस पूरी न होने के कारण अब आगामी अंतिम सुनवाई 30 जुलाई को होगी। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ( Himachal Pradesh University) के चांसलर की ओर से इस मामले में जवाब दायर के अनुसार वीसी की नियुक्ति हेतु गठित सर्च कमेटी इस बात से अनभिज्ञ थी कि प्रोफेसर सिकंदर कॉस्ट ऑफ कल्टीवेशन स्कीम में निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे। सर्च कमेटी को दिये फॉर्म में इसका उल्लेख नहीं किया गया था। प्रो.सिकंदर ने अपने आवेदन में नोशनल एवं वास्तविक पदोन्नति के बारे में भी विशेष रूप से नहीं लिखा था जिसके कारण ये तथ्य सर्च कमेटी के ज्ञान में नहीं था। विश्विद्यालय ही प्रोफेसर सिकंदर के शैक्षणिक योग्यता व अनुभव के बारे में अच्छे से बता सकता है।
यह भी पढ़ें: आईजीएमसी कैंटीन आवंटन मामले में हाईकोर्ट का प्रदेश सरकार को Notice
प्रार्थी धर्मपाल ने याचिका में आरोप लगाया गया है कि वीसी की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध की गई है। याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि प्रतिवादी वाइस चांसलर को यूजीसी द्वारा जारी रेगुलेशन के तहत 19.3.2011 प्रोफ़ेसर के पद पर पदोन्नत किया गया था। 29.8.2017 को एचपीयू के वीसी के लिए आवेदन आमंत्रित किये गए। प्रतिवादी ने चयन कमेटी को गुमराह करते हुए अपने आवेदन में अनुभव के बारे में गलत तथ्य दिए। प्रार्थी ने हाईकोर्ट से गुहार लगाईं है कि प्रतिवादी को आदेश दिए जाए कि वह एचपीयू के वाइस चांसलर की नियुक्ति के लिए अपनी योग्यता अदालत को बताये और यदि उसकी योग्यता यूजीसी के रेगुलेशन के विपरीत पाई जाती है तो उस स्थिति में उसकी नियुक्ति रद्द की जाए।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group