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स्वां नदी में खनन : रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी बनाएगी रिपोर्ट : NGT
Last Updated on March 5, 2021 by Vishal Rana
ऊना। जिला में स्वां नदी (Swan River) में खनन पर एनजीटी (NGT) ने सख्ती दिखाई है। स्वां नदी में खनन और इससे पर्यावरण (Environment) को रहे नुकसान की शिकायत एनजीटी (NGT) से की गई थी। अब स्वां नदी की हकीकत जानने के लिए एनजीटी की ओर से एक कमेटी (NGT Committee) बनाई गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) की प्रिंसीपल बैंच ने इस मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से रिटायर्ड जज जसवीर सिंह (Retired Judge Jasveer Singh) की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी स्वां नदी (Swan River) का दौरा करेगी और पर्यावरण को हो रहे नुक्सान की रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी जाएगी।
दरअसल, हिमाचल के अमनदीप ने नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल की कोर्ट नंबर एक में 57/2021 के तहत शिकायत दी थी। इस पर दो मार्च को सुनवाई हुई और एनजीटी चेयरपर्सन (NGT Chairperson) न्यायधीश आदर्श कुमार गोयल, न्यायधीश शियो कुमार सिंह, एक्सपर्ट सदस्य नवीन नंदा की बैंच ने मामले में आदेश दिए। आदेश के मुताबिक अब स्वां नदी में हो रहे रेत के खनन (Mining) पर हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीश की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति रिपोर्ट बनाएगी। इस मामले में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भी नोडल एजेंसी बनाया गया है, जबकि एनजीटी द्वारा गठित कमेटी को प्रदूषण बोर्ड हिमाचल और डीसी ऊना भी मदद करेंगे।
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इसके साथ ही एनजीटी द्वारा गठित कमेटी को यह भी स्वतंत्रता दी गई है कि वो चाहे तो किसी संस्था, एक्सपर्ट या व्यक्तिगत सहायता भी ले सकते हैं। इस पांच सदस्यीय कमेटी में पूर्व न्यायधीश जसवीर सिंह के अलावा केंद्रीय सोयल व वाटर कंजर्वेशन देहरादून, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, हिमालयन फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट शिमला को सदस्य बनाया गया है। इस कमेटी के लिए पर्यावरण वन एवं मौसम परिवर्तन मंत्रालय के चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय अधिकारी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस मामले में शिकायतकर्ता अमनदीप को पेपर्ज का एक सेट देना होगा। इसके अलावा अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर शपथ पत्र देना होगा। इस मामले में अगली सुनवाई पांच मई को होगी।
क्या कहा गया है शिकायत में
शिकायतकर्ता अमनदीप (Complainant Amandeep) ने एनजीटी से शिकायत की है कि स्वां नदी का 922 करोड़ की लगात से तटीकरण (Channelization) हो रहा है, जिसमें 73 सहायक नदियां शामिल है। अमनदीप ने शिकायत में कहा है कि यह तटीकरण इसलिए किया जा रहा है कि लोगों की कीमती भूमि को कृषि योग्य बनाया जा सके और नजदीक के गांव भी तबाही से बचाए जा सकें, लेकिन अब इस पैसे का नुक्सान रेत माफिया अवैध खनन से कर रहा है। शिकायत (Complaint) में कहा गया है कि अवैध तरीके से हो रहे खनन से पर्यावरण के साथ-साथ पूरे प्रोजेक्ट को नुकसान होने का अंदेशा है। यही नहीं, ट्रक, टिप्पर ओवरलोड होकर सड़कों का भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस शिकायत में मीडिया रिपोर्ट भी हवाला दिया गया है।