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जल रहा कैलिफोर्निया: 11 मौतें, अरबों का नुकसान, इमारतें राख -आग से हिल गया अमेरिका
California Wild fires:अमेरिका के कैलिफोर्निया का लॉस एंजिल्स (Los Angeles)तीन दिनों से आग की चपेट में है। इस आग ने अब तक 11 लोगों की जान ले ली है और सैकड़ों घरों को राख में तब्दील कर दिया है। आग ने लोगों को सड़क पर रात गुजारने के लिए मजबूर कर दिया है। आग का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लाखों लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हैं और हॉलीवुड हिल्स (Hollywood Hills) जैसे पॉश इलाकों में मशहूर हस्तियों के घर भी इसकी चपेट में आ गए हैं। अनुमान है कि जली हुई संपत्तियों की कीमत करीब 8 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। कैलिफोर्निया जंगल की आग के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार की आग ना सिर्फ तेज है बल्कि हैरान कर देने वाली बात ये है कि ये सर्दियों में लगी है।
कैसे लगती है जंगलों में आग
जंगलों में आग (forest fires) के दो कारण हो सकते हैं। एक है प्राकृतिक और दूसरा अप्राकृतिक। जंगल में ऑक्सीजन और तापमान बखूबी मिलती हैं और यहां की सूखी लड़कियां इस आग के लिए फ्यूल की तरह काम करती हैं। ज्यादा गर्मी या फिर बिजली गिरने पर जरा सी चिंगारी यहां भीषण आग बनने का कारण बन जाती है। वहीं तेज हवाओं के कारण आग पर काबू करना मुश्किल हो जाता है और आग तेजी से फैलती है। दूसरा हरे भरे जंगलों में इंसानों के पहुंचने का सिलसिला काफी बढ़ा है। छुट्टियां मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग जंगलों में कैंपिंग करते हैं। इस दौरान उनकी जरा सी लापरवाही जंगल में आग का कारण बन जाती है। इसके अलावा ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें रील बनाने के चक्कर में लोगों ने जंगलों को आग के हवाले कर दिया।
पहली बार देखा सर्दियों में आग का ये रूप
जंगल की आग का मौसम जून से अक्टूबर के बीच होता है, लेकिन जनवरी में आग का ऐसा भयानक रूप पहली बार देखा गया है। साल की शुरुआत में कैलिफोर्निया में आग लगना बेहद दुर्लभ है, विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन (Climate change) का सख्त संकेत मान रहे हैं। अमेरिकी सरकार के रिसर्च में साफ रूप से कहा गया है कि पश्चिमी अमेरिका में बड़े पैमाने पर जंगलों में लगी भीषण आग का संबंध जलवायु परिवर्तन से है। इस बार लॉस एंजिल्स काउंटी में 9 जनवरी 2025 तक 60 से ज्यादा फायर अलर्ट जारी हो चुके हैं। ऊपर से सर्दियों में होने वाली बारिश और ठंडक इस बार गायब है।अक्टूबर से अब तक लॉस एंजिल्स में सिर्फ 4 फीसदी बारिश हुई है। सूखे के चलते वनस्पतियां आग पकड़ने के लिए तैयार थी, ऊपर से सैंता एना की तेज़ और शुष्क हवाओं ने आग बुझाने की हर कोशिश को नाकाम कर दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हवाएं अब कमजोर होकर 50-80 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं, लेकिन आग अभी भी सक्रिय है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आग को पूरी तरह से काबू करना अब भी मुश्किल होगा। आग के बाद का सफाई काम लंबा, गंदा और महंगा होगा।
नेशनल डेस्क