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नरेंद्र बरागटा ने सीएम जयराम ठाकुर को क्यों लिखा पत्र, गंभीर है मामला- जानिए
शिमला। हिमाचल (Himachal) में पिछले कल यानी 23 अप्रैल और उससे पहले हुई बारिश (Rain), बर्फबारी और ओलावृष्टि से बागवानों और किसानों हुए नुकसान की भरपाई के लिए पूर्व बागवानी मंत्री व जुब्बल कोटखाई के बीजेपी विधायक नरेंद्र बरागटा (Former Horticulture Minister Narendra Bragta) ने सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) को पत्र लिखा है। आठ बिंदुओं पर आधारित एक सुझाव पत्र उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर को लिखा है। उन्होंने नुकसान के लिए वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाने की मांग उठाई है।
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पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा ने कहा कि हिमाचल में 23 अप्रैल और उससे पहले असमयिक भारी बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी (Snowfall) से प्रदेश के किसानों व बागवानों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है, जिसके कारण से विशेषकर सेब व अन्य फल उत्पादकों की पांच हजार करोड़ की आर्थिकी कमर टूट गई है। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे इस आपात काल में प्रदेश के बागवानों व किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया करने के साथ साथ अन्य उपाय करें, ताकि बागवानों (Gardeners) को राहत के रूप में तुरंत मरहम लगाया जा सके। वहीं, व्हाट्सएप (Whatsapp) के माध्यम से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अविनाश खन्ना, बीजेपी के सहप्रभारी संजय टंडन और सांसद सुरेश कश्यप को भी प्रदेश के किसानों व बागवानों को हुए नुकसान की जानकारी से अवगत करवाया, ताकि केंद्र सरकार के तालमेल कर बागवानों के हितों के लिए उचित कदम उठाया जा सके। उन्होंने आठ बिंदुओं का सुझाव पत्र सीएम के समक्ष उनके हस्तक्षेप के लिए रखा है। उन्हें आशा है कि सीएम खुद एक बागवान व किसान (Farmer) हैं व तुरंत इसमें हस्तक्षेप करेंगे। वह स्वयं भी स्वस्थ्य होने के बाद व्यक्तिगत रूप से सारी परिस्थितियों से उनको अवगत करवाएंगे।
ये रखे सुझाव
हाल ही में सरकार द्वारा बागवानी विस्तार केंद्रों के माध्यम से स्प्रे की दवाइयों की बिक्री रोकने व खुले बाजार में लिमिटेड दवाइयों को प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, इसे तुरंत वापस लेने की कृपा करें एवं पूर्ववत अभिलम्ब बागवानी विभाग के विक्रय केंद्रों से ही दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जाए। बागवानी विस्तार अधिकारियों के पदों को अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है। इस निर्णय पर पुर्नविचार की आवश्यकता है। फसल बीमा योजना एवं केसीसी (KCC) धारक बागवानों से काटी जाने वाली बीमा राशि की समीक्षा करने की तत्काल आवश्यकता है। संबंधित जिला के डीसी (DC) को आदेश दिए जाएं, ताकि वे बैंक व बीमा कंपनियों के अधिकारियों से चर्चा कर इस संकट की घड़ी में बागवानों को तुरंत उचित मुआवजा प्रदान करें। एंटी हैल नेट (Anti Hail Net) के अधिक उपयोगी तकनीक की नीतिगत योजना तहत लागू किया जाए। एंटी हैल नेट के उपयोगकर्ताओं को कल की घटना से ज्यारा नुकसान हुआ है। एंटी हैल नेट उपदान बागवानी व कृषि उपकरणों पर उपदान के हजारों मामले वर्षों से लंबित पड़े हैं इस संदर्भ में ध्यान देकर इनका तत्काल भुगतान ऐसी विषम परिस्थितियों में कर देना चाहिए। मंडी मध्यस्थता योजना के अंतर्गत एचपीएमसी (HPMC) द्वारा सेब खरीब का भुगतान लंबित है। इसे तत्काल जारी करवाने के निर्देश प्रदान करें। नुकसान की समीक्षा के लिए वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाई जाए, ताकि प्रदेश में हुए नुकसान की आकलन रिपोर्ट से तुरंत केंद्र सरकार को अवगत करवाया जा सके।
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