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डिपो से राशन लेकर लौट रही महिलाओं को लिफ्ट पड़ी भारी, 4 की गई जान
Last Updated on May 21, 2021 by Vishal Rana
मंडी। सरकारी डिपो (Government Depot) से राशन लेने गई एक गांव की पांच में से 4 महिलाओं को काल निगल गया। दसअसल यह महिलाएं जिस गाड़ी में राशन लेकर लौट रही थीं, वो रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गई, जिसमें दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो अन्य महिलाओं ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल के जिला मंडी (Mandi) के सरकाघाट उपमंडल (Sarkaghat Subdivision) के तहत आने वाली थौना पंचायत की गुज्जर गैहरा गांव की पांच महिलाएं राशन लेने थौना गांव गई हुई थीं। वापसी में उन्हें एक जीप (Jeep) नंबर एचपी 65 4509 मिल गई। महिलाएं भी घर वापसी की जल्दी में जीप पर सवार हो गईं, लेकिन कुछ ही दूरी पर यह जीप हादसे का शिकार हो गई और सड़क से 250 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे के समय जीप में 7 लोग सवार थे जिसमें पांच महिलाएं और दो पुरूष थे। हादसे में दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो को जोनल हास्पिटल मंडी के लिए रैफर किया गया था। इसमें से एक ने जोनल हास्पिटल मंडी में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं एक अन्य महिला को सरकाघाट में उपचार दिया जा रहा था, लेकिन इसे भी बाद में मंडी रैफर किया गया। मंडी ले जाते वक्त इस महिला ने भी रास्ते में दम तोड़ दिया। डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह ने दो और महिलाओं की मौत की पुष्टि की है।
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जब हादसा हुआ उस वक्त जीप पर पांच महिलाएं ही सवार थीं। चालक भी घायल बताया जा रहा है। हादसे में मौके पर जान गंवाने वाली महिलाओं में 60 वर्षीय झांसी देवी और 55 वर्षीय दामोदरी देवी शामिल है, जबकि सरला देवी और कमला देवी को गंभीर हालत के चलते मंडी रेफर किया गया था। वहीं, अमरी देवी को पहले सरकाघाट में उपचार दिया गया लेकिन बाद मंे उसे भी मंडी रेफर कर दिया। लेकिन उसकी रास्ते में ही मौत हो गई।
हादसे के बाद पीएचसी में नहीं मिला डॉक्टर
हादसे के बाद जब घायलों को उपचार के लिए स्थानीय पीएचसी (PHC) ले जाया गया तो वहां पर ना तो डॉक्टर मिला और ना ही एंबुलेंस (Ambulances)। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में सरकार और स्थानीय विधायक के प्रति भारी रोष देखने को मिला। लोगों को आरोप है कि उनके क्षेत्र में पीएचसी के नाम पर भवन तो तैयार कर दिया गया है, लेकिन यहां पर सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। यदि मौके पर डॉक्टर (Doctor) होता तो शायद जल्दी उपचार मिल पाता। घटनास्थल से सरकाघाट की दूरी दो घंटों की, जबकि मंडी की दूरी तीन घंटों की बताई जा रही है।
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