-
Advertisement
30 साल के बाद बांध से बाहर निकला भूत गांव…और इस देश में बन गए सूखे जैसे हालात
Last Updated on February 15, 2022 by sintu kumar
बचपन में हमने भूत प्रेत के बहुत सारे किस्से सुने हुए है। आज हम आपको एक ऐसे भूत गांव (Ghost Village) के बारे में बताने जा रहे है जो 30 साल बाद नजर आया है। यह गांव स्पेन (Spain) में पुर्तगाल की सीमा पर है। इसे घोस्ट विलेज के नाम से भी जाना जाता है।1992 के बाद से पहली बार इस गांव को देखा जा सका है, जो बांध में पूरी तरह डूब चुका था। स्पेन के गैलिसिया क्षेत्र में जब पानी पहुंचाने के लिए बांध (Dham) बनाया गया थाए तब से यह गांव लिमिया नदी (River) के पानी में डूबा हुआ है।
गांव को देखकर लग रहा कोई फिल्म चल रही हो
इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट कहती है, अब यहां पर सूखे जैसे हालात बन रहे हैं। गांव के ऑटो लिंडोसो बांध (Auto Lindoso Dam) में अब सिर्फ 15 फीसदी ही पानी बचा है। स्पेन के पर्यावरण मंत्रालय ने लोगों को चेतावनी (Warning) जारी की है। 65 वर्षीय पेरेज रोमियो का कहना है, ऐसा जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। इसके असर के कारण यहां सूखा पड़ रहा है। इस गांव को देखकर ऐसा लग रहा है मानों कोई फिल्म चल रही हो।
यह भी पढ़ें- सबसे बड़ी इंसानी गलती! दुनिया का सबसे ऊंचा ग्लेशियर गायब
ये सब था इस गांव में
रिपोर्ट के मुताबिक यहां के भयानक खंडहरों ने पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया है। वो यहां पहुंच रहे हैं और तस्वीरें व वीडियो (Video) ले रहे हैं। सामने आए गांव को देखकर कई बातें सामने आई हैं। जैसे यहां पर कभी कैफे था, पानी का फौव्वारा था। उस दौर में भले ही यह एक गांव था, लेकिन यहां कारें थी, जिसमें अब जंग लग चुका है।
यहां के मेयर सूखा पड़ने की वजह कम हुई बारिश को बताते हैं। उनका कहना है कि पिछले कुछ महीनों में यहां बारिश (Rain) कम हुई, जिसके कारण ऐसे हालत बने हैं। हालांकि रिपोर्ट कहती है, पुर्तगाल (Portugal) की सरकार ने 6 बांधों के पानी से बिजली बनाने और सिंचाई करने के ऑर्डर दिए थे। ग्रामीणों की लगातार शिकायतों के बाद अधिकारियों की इस पर नजर पड़ी।
यह भी पढ़ें- धरती पर आएगी जलप्रलय, दुनिया का सबसे बड़ा ग्लेशियर लगा पिघलने
वहीं, पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट कहती है कि यहां के बांधों में उनकी क्षमता का 44 फीसदी तक पानी मौजूद है। पिछले एक दशक में यहां 61 फीसदी ऐसे जलाशय देखे गए हैं, जिनमें औसत क्षमता से कम पानी है, लेकिन सभी का स्तर 2018 में आए सूखे की स्थिति से बेहतर है।