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बीजेपी की जीत के बावजूद कांग्रेस मजबूत मानी जाती रही है यहां
Last Updated on November 3, 2022 by sintu kumar
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) के गृह जिला बिलासपुर की घुमारवीं सीट (Ghumarwin seat of Bilaspur) यूं तो वर्तमान में बीजेपी के ही कब्जे में हैं,लेकिन इस सीट को कांग्रेस की मजबूत सीट माना जाता रहा है। बीजेपी-कांग्रेस ने यहां से इस मर्तबा अपने पुराने खिलाड़ियों पर ही दांव खेला है। यानी बीजेपी ने सिटिंग विधायक राजेंद्र गर्ग को मैदान में उतारा है। वह जयराम सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री (Food-Supplies Minister) भी हैं। कांग्रेस ने राजेश धर्माणी पर ही दांव खेला है। धर्माणी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। दोनों ही कैंडिडेट मिलनसार माने जाते हैं।
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घुमारवीं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Legislative Assembly) में सीट नंबर 46 है। इस विधानसभा सीट पर वर्ष 2017 में बीजेपी के राजेंद्र गर्ग ने जीत दर्ज करवाई थी। वर्ष 2017 में इस सीट पर कुल 57.96 प्रतिशत वोट पड़े थे। राजेंद्र गर्ग ने कांग्रेस के राजेश धर्माणी को 10,435 वोटों के अंतर से हराया था। हालांकि, इससे पहले चुनाव में कांग्रेस की इस सीट पर मजबूत पकड़ थी। ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में राजेश धर्माणी को एक बार फिर से टिकट दिया है। घुमारवीं सीट पर बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस की मजबूत पकड़ रही है।
इस सीट के इतिहास पर जाएं तो 1977 में जनता पार्टी से नारायण सिंह स्वामी ने जीत दर्ज की थी। 1982 में वह बीजेपी से विधायक चुने गए। 1985 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की फिर 1990 में बीजेपी के कर्मदेव धर्माणी विधायक चुने गए। वर्ष 1993 में कांग्रेस के कश्मीर सिंह विधायक बने। इसके बाद वह 1998 में दूसरी बार जीतकर विधायक बने। इसके बाद 2003 में कर्मदेव धर्माणी बीजेपी से दूसरी बार विधायक चुने गए। वर्ष 2007 और 2012 में (Rajesh Dharmani of Congress) कांग्रेस के राजेश धर्माणी ने जीत दर्ज की। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राजेंद्र गर्ग ने जीत हासिल की। इस सीट पर 87,267 वोटर्स हैं, जिसमें 43,314 पुरुष और 43,952 महिलाएं हैं।