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‘सरकार जनता के द्वार’ चुनावी कार्यक्रम नहीं, समस्याओं के समाधान का मंच: नेगी
संजू/शिमला। हिमाचल प्रदेश के राजस्व और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी (Jagat Singh Negi) ने ‘सरकार जनता के द्वार’ कार्यक्रम को आम जनता की समस्याओं को सुनने और समाधान करने का कार्यक्रम बताया है। उन्होंने शनिवार को शिमला में कहा कि यह कोई चुनावी कार्यक्रम (Election Program) नहीं है। राजस्व मंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम पिछली सरकारों में भी चलाए थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए सरकार के प्रतिनिधि जनता की समस्याओं (Public Problem) को सुनने और समाधान का काम करते थे। उन्होंने कहा बाद में बीजेपी (BJP) ने इसका नाम बदलकर जन मंच कर दिया और इसमें जमकर धन की बर्बादी की।
लोक अदालतों ने 24 हजार से अधिक मामले निपटाए
प्रदेश सचिवालय में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि पिछली कैबिनेट में एचपीएमसी और एग्रो (HPMC and AGRO) के विलय का फैसला लिया गया था। एचपीएमसी और एग्रो दोनों का काम एक जैसा है, इसलिए दोनों के विलय का फ़ैसला किया गया है। नेगी ने बताया कि 4 व 5 जनवरी 2024 को आयोजित राजस्व लोक अदालतों (Lok Adalat) में 24,091 मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें इंतकाल के 20,547 मामले थे। दिसम्बर, 2023 में प्रदेश की राजस्व अदालतों में तकसीम के कुल 1,823 मामले दर्ज किए गए। 3 दिसम्बर, 2023 से 5 जनवरी, 2024 तक तकसीम के रिकॉर्ड 3,544 मामलों का निपटारा किया गया, जोकि इस दौरान दर्ज मामलों का लगभग 200 प्रतिशत है।