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सीमेंट प्लांट पर सरकार का बड़ा एक्शन, ACC और अंबुजा कंपनियों को भेजा नोटिस; मांगा जवाब
सोलन/बिलासपुर। हिमाचल में सीमेंट फैक्ट्रियां बंद (Cement Factories Closed) होने के बाद मचे घमासान को प्रदेश की कांग्रेस सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले खत्म करना चाहती है। इसके लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने दो दिन पहले ही मामले को सुलझाने के आदेश भी मुख्य सचिव को दे दिए थे। इसी कड़ी में अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार सीमेंट कंपनी और ट्रांसपोर्ट यूनियन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी और इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेगी।
वहीं हिमाचल के उद्योग विभाग ने अंबुजा और ACC सीमेंट कंपनी को फैक्ट्री बंद करने के मामले में नोटिस जारी कर जवाबतलबी कर ली है। नोटिस में स्पष्ट कहा है कि सरकार को बिना सूचित किए और हजारों लोगों के रोजगार से जुड़े मामले को ध्यान में रखकर कंपनियां कैसे अपने संस्थानों को बंद कर सकती है। सरकार इस मुद्दे को 22 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले सुलझाना चाहती है।
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वहीं सरकार को बिना बताए कंपनी को बंद करने पर सीमेंट कंपनी को नोटिस (Notice to Cement Company) भी जारी किया जा सकता है। फिलहाल विवाद को सुलझाने के लिए आज यानी शुक्रवार सुबह मुख्य सचिव आरडी धीमान (RD Dhiman) की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई है। एक घंटे चली इस बैठक में उद्योग विभाग के निदेशक, राज्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक, परिवहन विभाग के निदेशक सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को सीमेंट कंपनियों और ट्रक यूनियनों के साथ मिलकर इस विवाद को सुलझाने के आदेश दिए गए हैं।
दाड़लाघाट में कंपनी के गेट पर पहुंचे हजारों ट्रक ऑपरेटर
अदाणी कंपनी का अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद होने के बाद ट्रक ऑपरेटर्स भड़क गए हैं। शुक्रवार को नाराज ट्रक ऑपरेटर्स कंपनी के गेट पर इकट्ठे हो गए और अदाणी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस माहौल को शांत करने का प्रयास कर रही है। इससे पहले चार हजार ट्रक ऑपरेटर्स ने दाड़लाघाट में बैठक कर रणनीति बनाई।
बरमाणा में ट्रक ऑपरेटर कल बनाएंगे आगामी रूपरेखा
सीमेंट प्लांट को अनिश्चित काल के लिए बंद करने के आदेश ने समस्त ट्रक ऑपरेटरों में खलबली मचा दी है। कंपनी के इस निर्णय से बिलासपुरके बरमाणा में माहौल तनावपूर्ण नजर आ रहा है। ट्रक ऑपरेटरों का गुस्सा अब कभी भी उग्र रूप धारण कर सकता है। जिसे लेकर ट्रक ऑपरेटर शनिवार को रूपरेखा तैयार करेंगे। हालांकि, शुक्रवार को भी बड़ा आंदोलन होने की आशंका जताई जा रही थीए लेकिन ट्रक ऑपरेटरों ने एक विशाल बैठक के साथ यह निर्णय लिया है कि कल यानि शनिवार को 21 वार्डों के सभी सदस्य व ट्रांस्पोर्टर्स बरमाणा में स्थित बीडीटीएस के पुकार हॉल में एकत्रित होंगे और संघर्ष को लेकर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। साथ ही बीडीटीएस कार्यालय से एसीसी प्लांट के गेट तक शांतिपूर्ण तरीके से रोष रैली भी निकाली जाएगी। वहींए ट्रक ऑपरेटर्स ने चेतावनी दी है कि यदि इस मुद्दे को लेकर जल्द ही कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जाता हैए तो सभी ट्रक ऑपरेटर चालक व परिचालकों के साथ मिलकर उपायुकत कार्यालय बिलासपुर का घेराव करेंगे।
ट्रक ऑपरेटरों ने कंपनी और सरकार के खिलाफ निकाला गुस्सा
शुक्रवार को बीडीटीएस के कार्यालय के सभागार में सैंकड़ों ट्रक ऑपरेटरों ने बैठक की। इस दौरान एसीसी प्रबंधन व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। सभी ऑपरेटरों ने एकमत होकर इस बात पर जोर दिया कि प्लांट बंद करने के निर्णय को जल्द से जल्द वापिस लिया जाए। ताकिए ट्रक ऑपरेटरों व अन्य वर्ग के लोगों को आर्थिक संकट से न जूझना पड़े।
सीमेंट ढुलाई में नहीं चलने दी जाएंगी बाहरी गाड़ियां
वहींए ऑपरेटरों ने साफ किया है कि सीमेंट ढुलाई के लिए बाहरी गाडिय़ों को नहीं चलने दिया जाएगा। यदि एसीसी कंपनी द्वारा ऐसा किया जाता है कि सभी ऑपरेटर इसका कड़ा विरोध करेंगे और उग्र से उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। यदि ऐसा होता है तो इसका जिम्मेवार एसीसी प्रबंधन व जिला प्रशासन होगा।
आखिर कंपनी ने क्यों जड़ा है ताला
माल भाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच विवाद चल रहा है। बैठकों के बाद भी विवाद ना सुलझने पर कंपनी प्रबंधन (Company Management) ने बुधवार शाम से प्लांट बंद कर दिया। अंबुजा सीमेंट प्लांट को हाल ही में अडानी ग्रुप ने खरीदा है। कंपनी का कहना है कि सरकार ने 18 अक्तूबर, 2005 को मालभाड़ा 6 रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर निर्धारित किया था। इसलिए सोसायटियों को इस रेट पर माल ढुलाई करनी होगी। कंपनी ने सीमेंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑपरेटर्स सोसाइटियों से रेट कम करने को कहा था। कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
करीब 15 हजार लोगों के रोजगार पर पर मंडराया संकट
बता दें कि सीमेंट फैक्ट्री बंद होने से इस कंपनी में कार्यरत करीब 2 हजार कर्मचारियों के रोजगार पर संकट आ गया है। इसके साथ इस फैक्ट्री में करीब 3 हजार ट्रक ऑपरेटर्स व ड्राइवरों व कंडक्टरों को भी काम नहीं रहेगा। इस फैसले से करीब 15 हजार लोगों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पर संकट आ गया है। अंबुजा सीमेंट के दाड़लाघाट स्थित प्लांट में रोजाना 5 से 6 मीट्रिक टन उत्पादन होता है। यहां से देश भर में सीमेंट की सप्लाई होती है।
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