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नियमितीकरण की मांगों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई 26 सितंबर को
शिमला। पुरानी पेंशन व 8 साल की दिहाड़ीदार सेवा पूरी करने के बाद नियमितीकरण (Regularization) की मांगों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई 26 सितंबर को निर्धारित की गई है। सरकार (Government) ने भी इन कर्मचारियों की मांगों के विरुद्ध दायर कर रखी है। राज्य सरकार ने इन सेवारत अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारियों (Retired Employees) की मांगों का विरोध करते हुए कहा है कि इन कर्मचारियों ने समय रहते अदालतों का दरवाजा नहीं खटखटाया।
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इन मामलों पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सैयद व न्यायाधीश सबीना (Chief Justice Syed and Justice Sabina) की खंडपीठ के समक्ष हो रही है। राज्य सरकार की ओर से यह दलील दी गई है कि कर्मचारियों ने ट्रिब्यूनल के समक्ष अपने नियमितीकरण के लिए मामले देरी से दाखिल किए। सरकार का यह भी कहना था कि 9 या 8 साल की दिहाड़ी दार सेवा के पश्चात नियमितिकरण से वंचित किए गए न कर्मचारियों को समय से अदालतों से अपने अधिकारों की मांग करनी चाहिए थी।
कर्मचारियों को एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल एक्ट (Administrative Tribunal Act) के प्रावधानों के मुताबिक वे इन मामलों को देरी से दाखिल नहीं कर सकते थे। देरी से अपनी मांगों को उठाने के लिए कारण दिया जाना अति आवश्यक था। राज्य सरकार की ओर से बहस पूरी होने के पश्चात प्रार्थियों की ओर से न्यायालय के समक्ष यह दलील दी गई कि उनके मामले प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित राकेश कुमार (Rakesh) व अश्विनी कुमार के निर्णय के अंतर्गत आते हैं और यह राज्य सरकार का दायित्व बनता था कि वह समय पर अपने ही नीतिगत फैसले पर ईमानदारी से अमल करते हुए उन्हें नियमित करती। कल्याणकारी सरकार से यह उम्मीद नहीं की जा सकती की वह अपने कर्मचारियों को उनकी मांगों के लिए अदालत में जाने के लिए मजबूर करे। हाईकोर्ट ने भी समय समय पर ऐसे ही मामलों में कर्मचारियों के हक में फैसले सुनाए। प्रार्थियों ने विभिन्न अदालतों के फैसलों का हवाला देते हुए सरकार की अपीलें खारिज करने की मांग की है।
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महिला की वालियां चुराने का प्रयास करने के आरोपी को तीन साल की सजा
ऊना। मुबारिकपुर के घेवट बेहड़ में एक महिला की वालियां चुराने के इरादे से छीना झपटी करने के एक मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो अंब विशाल तिवारी की अदालत ने आरोपित को दोषी मानते हुए तीन वर्ष के कारावास व दस हजार रूपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के अनुसार जुर्माना अदा न करके की सूरत में दोषी को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। केस की पैरवी कर रही सहायक जिला न्यायवादी शिखा राणा ने बताया कि पुलिस थाना अम्ब में दर्ज हुए केस के तहत शिकायतकर्ता महिला रानी निवासी घेवट बेहड़ 19 जून 2015 को करीब साढ़े 11 बजे घर से अंब बाजार आई हुई थी। इस दौरान वह मुबारिकपुर से करीब एक किलोमीटर आगे घेवट बेहड़ के पास पहुंची तो उसके पीछे से एक बाइक चालक उसे क्रास करके करीब 100 मीटर आगे रुका और अपनी बाइक खड़ी करके वापस उसकी तरफ पैदल आया और उसके कानों से वालियां छीनने लगा। इसी बीच मुबारिकपुर की तरफ से बाइक पर दो लड़के आए और उन्होंने आरोपित श्याम लाल को मौके पर ही दबोच लिया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार करके इस केस के संबंध में कोर्ट में चालान पेश किया था। शुक्रवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की तमाम दलीलों को मध्यनजर रखते हुए आरोपित श्याम लाल पुत्र भगत राम निवासी माकडी तहसील नैनादेवी जिला बिलासपुर को दोषी मानते हुए तीन वर्ष के कारावास के साथ दस हजार रूपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। दोषी को जुर्माना न भरने की सूरत में छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।