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हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव स्वास्थ्य व अधिकारियों को जारी किया कारण बताओ नोटिस
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को गम्भीरता से लेते हुए राज्य सरकार के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) सहित अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की खंडपीठ ने पंकज परमार, अध्यक्ष जिला परिषद कुल्लू द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के पश्चात सरकार से दो सप्ताह में जवाब तलब किया। स्वास्थ्य सेवा निदेशक व सीएमओ कुल्लू को भी अपना पक्ष न्यायालय में रखना होगा। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि चिकित्सा अधिकारी (विशेषज्ञ), अन्य चिकित्सा अधिकारी और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण लोगों को इलाज के लिए आईजीएमसी शिमला, आरपीजीएमसी टांडा और चंडीगढ़ भागना पड़ रहा है। अपर्याप्त चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य सुविधाओं की कमी के कारण आम जनता को दर-दर भटकना पड़ रहा है।
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याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस मुद्दे को सरकार के समक्ष बार-बार उठाया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सीएम ने 18 जून ,2022 को क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में 100 बिस्तरों वाले मातृ शिशु अस्पताल ब्लॉक का उद्घाटन किया था, लेकिन यहां कोई विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी, बाल रोग विशेषज्ञ व रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। केवल एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को तैनात किया गया है। सरकार चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने और क्षेत्रीय अस्पताल में उचित चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने में विफल रही है। याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को चिकित्सा अधिकारियों (विशेषज्ञ), अन्य चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के रिक्त पदों को तुरंत भरने का निर्देश देने की प्रार्थना की है ताकि आम जनता को कोई परेशानी न हो। याचिकाकर्ता ने 100 बिस्तरों वाले मदर चाइल्ड हॉस्पिटल ब्लॉक को तुरंत चालू करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया है। न्यायालय ने आशा प्रकट की कि सरकार दो दिनों के भीतर अस्पताल में कम से कम एक बाल रोग विशेषज्ञ को तैनात कर देगी।