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शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट (High Court) ने राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा जूनियर मेट व हेल्पर के 1892 पदों (Post) में एक भी पद दिव्यांग श्रेणी (Divyang category) के लिए आरक्षित ना करने के मामले में राज्य सरकार व बिजली बोर्ड को आदेश दिए कि वह उक्त पदों को भरते समय दिव्यांग श्रेणी के प्रार्थी के लिए एक पद रिक्त रखें। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने विद्युत बोर्ड को 2 सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश भी दिए।
याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार 4 जून 2020 को विद्युत बोर्ड (Electric Board) ने जूनियर टी मेट के 1500 व जूनियर हेल्पर के 392 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था। दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों को 4 फीसदी आरक्षण (4 Percent Reservation) ना देने के पीछे कारण दिया गया था कि बोर्ड ने दिव्यागों के लिए बनाए अधिनियम के तहत राज्य सरकार से इस बाबत पहले ही जरूरी छूट ले रखी है। प्रार्थी की यह दलील है कि विद्युत बोर्ड द्वारा ली गई छूट कानूनी तौर पर न्यायोचित नहीं है। प्रार्थी के अनुसार जो छूट ली गई है वह पुराने अधिनियम के मुताबिक ली गई है, जबकि नए अधिनियम के तहत बनाए राज्य आयुक्त से सलाह लेने के पश्चात ही राज्य सरकार से छूट ली जा सकती है। मामले पर सुनवाई 30 सितंबर को निर्धारित की गई है।
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