-
Advertisement
आशा कार्यकर्ता ने मांगा आठ हजार मानदेय, CM बोले-सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे
Last Updated on February 20, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। हिमाचल आशा कार्यकर्ताओं (Himachal Asha workers) ने फिर से मासिक मानदेय (Monthly Honorarium) बढ़ाने की आवाज उठाई है। आज आशा वर्कर्स ने शिमला में सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) से मिलकर अपनी मांगें उठाईं। इनमें प्रमुख तौर पर मासिक मानदेय आठ हजार रुपए (Asha Workers Monthly Honorarium) करने की मांग शामिल है। मंडी जिला आशा वर्कर संघ (Mandi District Asha Workers Union) की प्रधान सुनीता शर्मा ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ (BMS) के बैनर तले प्रदेश महामंत्री मंगत राम नेगी की अध्यक्षता में आशा वर्करों का प्रतिनिधिमंडल शिमला सचिवालय (Shimla Secretariat) में शनिवार को सीएम जयराम ठाकुर से मिला। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन भी सौंपा।
ये भी पढ़ें – जयराम पर आशा का पलटवार
ज्ञापन में कहा गया है कि आशा कार्यकर्ता जो कोरोना महामारी में दिन रात सरकार का सहयोग करते हुए पीड़ितो की पूरी तन्मयता के साथ सेवा करती रही हैं, सरकार द्वारा जन हितार्थ योजनाओं को क्रियान्वित करने में सैदव क्रियाशील रहती हैं को सरकार महज दो हजार रुपए मासिक मानदेय देती है। भारतीय मजदूर संघ ने मांग उठाई है कि आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर ही आशा कार्यकर्ताओं को कम से कम आठ हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाए। सभी कार्यकर्ताओं को साप्ताहिक अर्जित अस्वस्थता एवं प्रसूति अवकाश भी दिया जाए।
आर्शा वर्कर्स का कहना है कि संस्थागत प्रसूति के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली राशि केवल अनुसूचित जाति की महिलाओं को ही दी जाती है। ऐसे में सभी संस्थागत प्रसूति महिलाओं को यह राशि दी जाए। सुनीता शर्मा ने बताया कि सीएम जयराम ठाकुर ने उनकी मांगों पर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इस बारे में सीएम जयराम ठाकुर ने भी अपने ट्विट हैंडल पर जानकारी साझा की और लिखा कि आशा कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय मजदूर संघ के महासचिव के नेतृत्व में भेंट की और आशा कार्यकर्ताओं की मांगें बताई। हमारी सरकार आशा कार्यकर्ताओं की मांगों के प्रति सदैव संजीदा है और उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।