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शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही सरकार, सीएम ने किया शानन व उहल प्रोजेक्ट का दौरा
CM Sukhu Visited Shanan Project: सीएम सुखविंदर सुक्खू (CM Sukhwinder Sukhu) ने आज शानन परियोजना व उहल तृतीय चरण परियोजना का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शानन प्रोजेक्ट( Shanan Project) जो पंजाब सरकार के पास है, 100 साल पहले इस प्रोजेक्ट की डील हुई थी। उन्होंने कहा कि वह आज इस प्रोजेक्ट को देखने इसलिए आए हैं कि यह प्रोजेक्ट किस हालत में है। शानन प्रोजेक्ट का हक वापस लेने के लिए निश्चित रूप से पंजाब सरकार (Punjab Government) से उनकी बात चल रही है तथा इस बारे पंजाब सरकार के साथ पत्राचार भी किया है। सीएम ने कहा कि वह पंजाब के सीएम भगवंत मान से भी मिले और उनसे बात चल रही है। इस प्रोजेक्ट के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)में अपील दायर है जो कोर्ट का आदेश होगा सर्वमान्य होगा। 60 मेगावाट से यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था अब 110 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है। इस प्रोजेक्ट को हिमाचल को मिलने की पूरी उम्मीद है।
लीज अवधि 99 साल रखी गई थी
क्या है शानन परियोजना का मामला: देश पर ब्रिटिश शासन के दौरान मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने शानन बिजलीघर(Shannan Powerhouse) के लिए जमीन उपलब्ध करवाई थी। उस दौरान जो समझौता हुआ था, उसके अनुसार लीज अवधि 99 साल रखी गई थी। यानी 99 साल पूरे होने पर ये बिजलीघर उस धरती (मंडी रियासत के तहत जमीन) की सरकार को मिलना था, जहां पर ये स्थापित किया गया था। भारत की आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश पंजाब का ही हिस्सा था. वैसे हिमाचल का गठन 15 अप्रैल 1948 को हुआ था, लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा 1971 में मिला था। उस समय पंजाब पुनर्गठन एक्ट के दौरान शानन बिजलीघर पंजाब सरकार (Punjab Government)के स्वामित्व में ही रहा। पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 की शर्तों के अनुसार इस बिजली प्रोजेक्ट को प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार को हस्तांतरित किया गया था।
दो मार्च, 2024 को लीज की मियाद पूरी हो गई
उल्लेखनीय है कि मंडी में जोगेंद्रनगर की ऊहल नदी पर स्थापित शानन बिजलीघर अंग्रेजों के शासन के दौरान वर्ष 1932 में केवल 48 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला प्रोजेक्ट था। बाद में पंजाब बिजली बोर्ड (Punjab Electricity Board) ने इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाया। बिजलीघर शुरू होने के पचास साल बाद वर्ष 1982 में शानन प्रोजेक्ट 60 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन वाला हो गया। अब इसकी क्षमता पचास मेगावाट और बढ़ाई गई है, जिससे ये अब कुल 110 मेगावाट का प्रोजेक्ट है। कुल 200 करोड़ सालाना की कमाऊ वाले इस कमाऊ पूत को पंजाब अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता। दो मार्च, 2024 को लीज की मियाद पूरी हो गई, लेकिन पंजाब अब भी प्रोजेक्ट पर दावा छोडऩे को तैयाार नहीं।
लक्की शर्मा