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बागवानों पर मार के बीच हिमाचल में सेब की सियासत, सरकार बैकफुट में
शिमला। सेब की सियासत में हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार (Sukhwinder Singh Sukhu govt) इस समय बैकफुट पर है। राज्य के बागवान (Apple Growers in Himachal) सेब की 24 किलो पैकिंग के बारे में सरकार के अटपटे निर्णय से जहां परेशान हैं, वहीं उत्पादन कम होने और वॉशिंगटन सेब (Washington Apple) पर केंद्र सरकार की आयात ड्यूटी घटाए जाने की समस्या भी है। इसे पूरे मसले पर राज्य में रोज हंगामा हो रहा है। यहां तक कि खुद सरकारक के विधायक भी 24 किलो की पैकिंग के मुद्दे पर दो खेमों में बंट गए हैं, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर (Kuldeep Rathore) ने सोमवार को जहां पराला मंडी में अपनी ही सरकार के 24 किलो की पैकिंग में सेब भरने के निर्णय पर सवाल उठाए और इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की बात कही तो कुछ कांग्रेस नेता भड़क गए। पूर्व जिला परिषद सदस्य लायक राम आस्टा ने विधायक की इस बात की आलोचना की और बागवानी मंत्री से आग्रह किया कि 24 किलो का निर्णय सही है। 35 किलो का निर्णय केवल आढ़तियों और लदानियों को राहत देने वाला है। लेकिन पराला मंडी में निर्माणाधीन प्रोसेसिंग यूनिट का निरीक्षण करने पहुंचे बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी को BJP समर्थित नेताओं और बागवानों का विरोध झेलना पड़ा। उनके खिलाफ नारेबाजी भी हुई।
संयुक्त किसान मंच भी विरोध में
इस बीच, संयुक्त किसान मंच ने भारतीय पैकेजिंग संस्थान(IIP)द्वारा वर्ष 2013 में अनुसंशित यूनिवर्सल कार्टन (Universal Carton) को लागू करने और APMC Act, 2005 के प्रावधानों के तहत वजन के हिसाब से सेब व अन्य उत्पादों को बेचने की मांग की है। मंच के संयोजक हरीश चौहान ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सरकार बेवजह ही सेब के कार्टन मे 24 kg के प्रावधान कर असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ मंडियों में आढ़तियों के द्वारा जो गैरकानूनी रूप से 2 किलो प्रति पेटी काटे जा रहे हैं, उस पर भी तुरन्त रोक लगाई जाए।
जल्द फैसला लेगी सरकार
बागवानी मंत्री जगत सिंह ने कहा है कि कुलदीप राठौर ने अपना सुझाव दिया है। सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। उन्होंने बताया कि 24 किलो की पैकिंग का निर्णय कंटीन्यू रखी जाए या वापस लिया जाए, इसे लेकर जल्द फैसला लिया जाएगा। लेकिन सरकार के कामकाज की सुस्त रफ्तार को देखते हुए ऐसा लगता है कि फैसला लेते सेब का सीजन ही गुजर जाएगा।
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