- Advertisement -
शिमला। हाईकोर्ट (High Court) ने बिना बारी के सरकारी आवासों के आबंटन पर रोक लगा दी है। सरकारी आवास (Government Houses) आबंटित करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) को आदेश जारी किए वह बिना बारी के किसी भी कर्मचारी भी कर्मचारी या अधिकारी को सरकारी आवास आबंटित ना करे। न्यायालय ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए मनमाने तरीके से सरकारी आवास आबंटित किए जाते हैं, जिस के दृष्टिगत हाईकोर्ट ने उपरोक्त आदेश पारित किए। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने कमलेश गौतम द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। कोर्ट (Court) ने स्पष्ट किया कि बिना बारी के सरकारी आवास आबंटन करने के लिए कोर्ट की इजाजत लेनी होगी।
याचिकाकर्ता कमलेश गौतम का यह आरोप है कि वह वर्ष 2000 से सरकारी आवास के लिए प्रतिवेदन दे रही है, लेकिन उसे आज तक सरकारी आवास मुहैया नहीं करवाया गया। प्रार्थी ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि वह हृदय रोग से पीड़ित हैं और पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) से अपना इलाज करवा रही हैं। प्रार्थी ने आरोप लगाया कि उसके बाद लगे कर्मचारियों को बिना बारी के सरकारी आवास आबंटित किए गए, जबकि प्रार्थी द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन को राज्य सरकार (State Govt) द्वारा खारिज कर लिया गया।
- Advertisement -