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शिमला में पार्किंग बनाने वाली कंपनी 40 लाख की बैंक गारंटी जमा करे: हाईकोर्ट
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला के विकास नगर में पार्किंग बनाने वाली कंपनी (Company Constructing Parking In Shimla) मैसर्ज रुद्रा इन्फ्रस्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को नगर निगम शिमला के पास 40 लाख रुपए की बैंक गारंटी (Bank Guarantee) जमा करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश राकेश कैंथला ने नगर निगम के आवेदन को स्वीकारते हुए यह आदेश पारित किए। कोर्ट ने कंपनी को बैंक गारंटी जमा करने के लिए 1 माह का समय दिया है।
उल्लेखनीय है कि कंपनी ने हाईकोर्ट में ठेका रद्द करने बाबत जारी नोटिस को हाईकोर्ट (Himachal High Court) में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 08.08.2018 को यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। इसके बाद मामला 06.09.2018 को सूचीबद्ध किया गया था। एम.सी. शिमला की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा गया और मामला 13.09.2018 तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
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कोर्ट द्वारा अंतरिम राहत को और बढ़ा दिया गया था। इसके बाद मामला विभिन्न तारीखों पर सूचीबद्ध किया गया और अंततः 06.12.2018 को याचिकाकर्ता ने मामला वापस ले लिया। इस तरह कंपनी को न्यायालय के आदेश से राहत मिली। अब बैंक गारंटी भुनाने के लिए कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती थी। बैंक गारंटी की वैधता 11.09.2018 को समाप्त हो गई तथा एमसी बैंक गारंटी समाप्त होने के बाद उस पर कार्रवाई नहीं कर सका। एमसी शिमला (MC Shimla) ने कंपनी को 40 लाख रुपए की नई बैंक गारंटी नवीनीकृत/जमा करने के लिए दिनांक 28.12.2018 को एक पत्र जारी किया। हालांकि, कई बार कहने के बावजूद, कंपनी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसीलिए हाईकोर्ट के समक्ष नगर निगम शिमला को आवेदन दाखिल करना पड़ा था। इस आवेदन को स्वीकारते हुए हाई कोर्ट ने उपरोक्त आदेश पारित किए।