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हिमाचल में है भांग का जलवा, जूते से लेकर कपड़े तक बने 200 प्रॉडक्ट
Last Updated on June 12, 2023 by sintu kumar
कुल्लू। अगर आप भांग को एक नशा मानकर बिदकते हैं तो यह इस प्राकृतिक उत्पाद के साथ नाइंसाफी होगी। असल में भांग (Cannabis) के 200 के करीब प्रॉडक्ट बनते हैं, जिनमें जूते भी शामिल है। आपको यह भी बता दें कि भांग से जूते सिर्फ हिमाचल में ही बनते हैं। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भांग की खेती (Cannabis Farming) की अनुमति न होने से इन उत्पादों को बनाने में कच्चा माल उत्तराखंड (Uttarakhand) से लाया जाता है।
उत्तराखंड की भांग से हिमाचल में भांग के जूते सहित 200 उत्पाद बन रहे हैं। भांग से बनने वाली पुलें से इन उत्पादों को इट्स हेंप कंपनी बना रही है। रविवार को यहां के अटल सदन में प्रदेश सरकार द्वारा गठित कमेटी ने भांग की खेती को वैध करवाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे हैं। इस अवसर पर यहां भांग निर्मित कई उत्पाद भी प्रदर्शित किए गए।
उत्पादन नहीं तो उत्पाद भी महंगे
कांगड़ा में संचालित कंपनी के फाउंडर सृजन शर्मा का कहना है कि यदि हिमाचल में भांग की खेती को वैध किया जाता है तो इसके कई फायदे हैं। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और देश के मार्केट में भांग से बने प्रोडक्ट सस्ते मिलेंगे। सरकार का राजस्व बढ़ेगा और भांग से बनने वाले उत्पादों के निर्माण के लिए उद्योग भी लगेंगे। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड से कच्चा माल लाने के कारण उत्पाद महंगे पड़ रहे हैं।
दुनिया का पहला सैनिटरी पैड भी भांग से
उद्यमी हनीश कतनावर ने बताया कि हिमाचल में विश्व का सबसे पहला सैनिटरी पैड भी भांग से ही बनाया गया है। सैनिटरी पैड हिमालयन हैंप इंडस्ट्री डमटाल ने बनाया है। यह सैनिटरी पैड बेहद सुरक्षित है। इसमें कीटाणुओं के संक्रमण को रोकने की क्षमता है।
भांग से कॉटेज, शर्ट, शैंपू भी
भांग के पुले का उपयोग कॉटेज बनाने में भी किया जा सकता है, जो भूकंप प्रतिरोधी है। ये घर को सर्दियों में गर्म, गर्मियों में ठंडा रखता है। अग्निरोधी भी है। इसके अलावा अलग-अलग डिजाइन में शर्ट तैयार किए गए हैं। पेपर मटीरियल, विजिटिंग कार्ड, कॉस्मेटिक, शैंपू, ऑयली स्किन हेयर ऑयल आदि भांग से तैयार हो रहे हैं। भविष्य में बच्चों के डायपर, जैकेट तैयार किए जाएंगे। इसके साथ हैंप सीड ऑयल, हैंप सीड प्रोटीन पाउडर और कपड़े भी तैयार किया जा रहा है। यह हिमाचल की इकलौती कंपनी है, जिसे भारत सरकार ने नेशनल स्टार्टअप अवार्ड दिया है।
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