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हिमाचल: SREBTP योजना से लाखों को मिलेगा रोजगार, प्रशिक्षण के साथ मानदेय भी दिया जाएगा
शिमला। प्रदेश सरकार कोरोना महामारी में बेरोजगार हुए लाखों युवाओं को रोजगार से जोड़ेगी। स्टेट रुरल इंजीनियरिंग बेस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम (SREBTP) योजना से प्रदेश के लाखों बेरोजगार स्वरोजगार से जुड़ पाएंगे। इससे पहले इस योजना का लाभ आरक्षित वर्ग को ही मिल रहा था, लेकिन अब अनारक्षित वर्ग के गरीब लोग भी इसमें शामिल किए जाएंगे। इन्हें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रशिक्षक एक साल तक का प्रशिक्षण देंगे। इस दौरान प्रशिक्षण लेने वालों को सालभर प्रतिमाह 1500 रुपये मानदेय भी दिया जाएगा। इसके बाद बेरोजगार अपना काम शुरू कर स्वावलंबी बन सकेंगे। इसके लिए सरकार सात हजार तक की वित्तीय मदद देगी। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में बुधवार को राजपत्र में अधिसूचना भी जारी कर दी है।
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इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण देने वालों को प्रति प्रशिक्षु 500 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से साल में 6000 रुपए मिलेंगे। एक प्रशिक्षक केंद्र में सिर्फ छह लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह योजना गांवों में लोगों को रोजगार दिलाने में मदद करेगी। इसके लिए बकायदा छह सदसीय कमेटी बनाई जाएगी। जो यह तय करेगी कि किसे योजना का लाभ दिया जाना है। इस कमेटी में जीएम उद्योग अध्यक्षए जिला उद्योग प्रबंधकए जिला परिषद सदस्यए जिला उद्योग केंद्र प्रबंधक सदस्य सचिव और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
इस क्षेत्रों में दिया जाएगा प्रशिक्षण
बेरोजगारों को फर्नीचर बनाने, बांस की वस्तुएं, बिजली का काम, लोहार, बेकरी, कंप्यूटर वाहन रिपेयर, धातु की मूर्ति बनाने, प्लंबर, वेल्डिंग, तरखान, मिस्त्री, फ्लेक्स, प्रिंटिंग, टायर रिपेयर, दुग्ध विधायन, बैग बनाने, सॉफ्ट खिलौने, हैंडलूम, कैटरिंग आदि का प्रशिक्षण लेने की सुविधा रहेगी। राज्य निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा ने कहा कि एसआरईबीटीपी योजना के तहत केंद्र खोलकर बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने की योजना शुरू की है। पहले यह योजना आरक्षित वर्ग के लिए थी, अब यह अनारक्षित वर्ग के लोगों के लिए भी है।