-
Advertisement
मौसम खुला, बादलों की लुका-छिपी के बीच हिमाचल सहमा-सहमा
Last Updated on July 13, 2021 by Sintu Kumar
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सहमा-सहमा सा दिख रहा है, 24 घंटे बीत चुके हैं लापता लोगों के बारे में कुछ-कुछ पता चलने लगा है। इस पहाड़ी प्रदेश का कांगड़ा जिला बारिश के पानी से खासा प्रभावित हुआ है, कहते हैं कि बादल फटने से ये तबाही मची। लेकिन ऐसा भी कहा जा रहा है कि पानी की निकासी को जगह ना मिलने के चलते भयावह स्थिति पैदा हुई। खैर कुछ भी हुआ,लेकिन इससे जो नुकसान हुआ वह मौसम खुलने के साथ ही साफ-साफ दिखने लगा। जहां-जहां बारिश के पानी ने तबाही मचाई वहां-वहां तबाही का मंजर आज देखा जा सकता है। सरकारी अमला बीते कल भी पहुंचा था,आज तो सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) भी मुआयना करने आ रहे हैं। इस सबके बीच ये जानकारी होना जरूरी है कि आखिर क्यों फटते हैं बादल,या क्या है ये (Clouds Burst) बादलों का फटना।
ये भी पढ़ेः हिमाचल: मांझी खड्ड में आई बाढ़ बहा ले गई 6 परिवारों के आशियाने, कई घर करवाए खाली
असल में बादल फटना एक तकनीकी शब्द है। मौसम वैज्ञानियों के मुताबिक जब एक जगह पर बहुत ज्यादा बारिश हो जाए तो उसे बादल फटना कहा जाता है। जब पानी की बूंदें अचानक बहुत तेजी से गिरने लगती हैं तो उसे क्लाउडबर्स्ट या फ्लैश फलड भी कहा जाता है। बादल फटने की घटना अमूमन उस वक्त होती है जब काफी नमी वाले बादल एक जगह ठहर जाते हैं। वहां मौजूद पानी की बंूदें आपस में मिल जाती हैं। बूंदों के भार से बादल की डेंसिटी बढ जाती है,उसके बाद तेज बारिश (Heavy Rain) शुरू हो जाती है। फिर गरजना के साथ ही बादल फटते हैं। अब सवाल ये भी उठता है कि पहाडों पर ही बादल फटने की घटनाएं क्यों होती हैं।
ये भी पढ़ेः शाहपुर में भूस्खलन की चपेट में आए आधा दर्जन घर, कई लोगों के दबने की आशंका
दरअसल पानी से भरे बादल पहाड़ों में फंस जाते हैं। इनकी उंचाई बादलों को आगे नहीं बढ़ने देती है। इससे अचानक ही एक साथ एक जगह तेज बारिश होने लगती है। पहाड़ों पर पानी ना रूकने से ये तेजी से नीचे की तरफ आता है। रास्ते में जो भी आता है पानी उसे बहाकर साथ ले जाता है। भीषण तबाही की यही वजह होती है। इसका जीता-जागता उदाहरण (Kangra District) कांगडा जिला का चैतडू व बोह का इलाका है। जहां पानी के तेज बहाव के चलते घर बह गए, जिंदगियां लापता हो गई।