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हिमाचल के बुजुर्ग मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता में मेडल जीतकर लौटे वतन
ऊना। मलेशिया की मलाया यूनिवर्सिटी में 16 और 17 सितंबर को हुई अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स प्रतियोगिता (Athletics Competition) में देश के मास्टर एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया है। 31 सदस्यीय भारतीय दल ने 27 मेडल जीते हैं। जिनमें हिमाचल प्रदेश के चार एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन किया। बुधवार को जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर इन सभी एथलीट्स का शानदार स्वागत किया गया। हिमाचल के चार और जिला के तीन एथलीटों ने कुल मिलाकर 7 मेडल भारत की झोली में डाले हैं। बुधवार को ढोल नगाड़ों की थाप पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के विजेताओं का भव्य स्वागत किया गया।
युवाओं को नशों से दूर रहने का दिया संदेश
इस मौके पर टीम के मैनेजर रहे अश्विनी जैतक के साथ 1500 मीटर दौड़ प्रतिस्पर्धा में रजत पदक (Silver Medal) जीतने वाले ओम प्रकाश शर्मा, जैवलिन थ्रो में कांस्य पदक विजेता जरनैल सिंह और 1500 एवं 3000 मीटर में दो कांस्य पदक जीतने वाले अजीत सिंह ठाकुर का उनके परिजनों और खेल प्रेमियों ने रेलवे स्टेशन पहुंचकर भव्य स्वागत किया। विजेताओं को फूल मालाओं से लादकर उनका मुंह मीठा करवाया गया। प्रतियोगिता में भारत का नाम रोशन करके लौटे मास्टर एथलीटस ने युवाओं को नशों को त्याग कर मैदान में आकर अपने हुनर को तराशने का संदेश भी दिया।
भारतीय एथलीट्स दल ने 27 मेडल भारत की झोली में डाले
मलेशिया (Malaysia) की मलाया यूनिवर्सिटी में 16 और 17 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय मास्टर्स एथलीट प्रतियोगिता में मेडल जीतकर लौटे जिला के तीन एथलीटों का जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर टीम मैनेजर के रूप में खिलाड़ियों के साथ गए एसोसिएशन के चेयरमैन अश्वनी जैतक ने बताया कि 31 सदस्यों के भारतीय एथलीट्स दल ने 27 मेडल भारत की झोली में डाले हैं। जिनमें हिमाचल प्रदेश के चार एथलीट्स सात मेडल जीतने में कामयाब रहे। उन्होंने कहा कि भारतीय एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने युवाओं को भी इन खिलाड़ियों से सीख लेते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
जीवन जीने की कला सीखाना है लक्ष्य
1500 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतने वाले 74 वर्षीय पूर्व शिक्षक ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि वह 40 वर्ष की आयु में मैदान के साथ जुड़े, यहीं से उन्होंने अपने नियमित अभ्यास के दम पर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं (International Competitions) में देश के लिए मेडल जीते। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के तमाम लोगों को जीवन जीने की कला सीखाना है ताकि वह तंदुरुस्त रह सके और युवा वर्ग उनसे प्रेरणा लेते हुए नशों को त्याग कर स्वस्थ जीवन जीने की तरफ कदम बढ़ा सके।
जरनैल सिंह ने जैवलिन थ्रो में जीता कांस्य पदक
सरकारी प्राइमरी स्कूल में प्राथमिक शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे 54 वर्षीय जरनैल सिंह ने जैवलिन थ्रो में कांस्य पदक जीता। उन्होंने बताया कि वह 40 वर्ष की उम्र के बाद खेल से जुड़े और अथक प्रयास करते हुए कई प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता की। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में देश के नाम कांस्य पदक जीतकर उन्हें बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया की नशों को त्याग कर स्वस्थ जीवन जीने के लिए नियमित रूप से खेल गतिविधियों में प्रतिभागिता करें।
स्वस्थ जीवन जीने का रहस्य खेल गतिविधियों में ही है छिपा
1500 मीटर और 3000 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में कांस्य पदक (Bronze Medal) जीतने वाले 66 वर्षीय सेवानिवृत्ति कॉलेज प्राध्यापक अजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि युवावस्था से लेकर सेवानिवृत्ति तक उन्होंने कभी भी किसी खेल प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया था। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने देश के मास्टर एथलीट्स से प्रेरणा लेते हुए दौड़ प्रतियोगिताओं के लिए अभ्यास शुरू किया। इसी साल फरवरी में उन्होंने पहली बार घरेलू मास्टर एथलेटिक्स में भाग लिया था। जिसमें जीत हासिल करने के चलते उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए चुना गया। जिसमें उन्होंने 3000 मीटर और 1500 मीटर दौड़ प्रतियोगिताओं में कांस्य पदक जीते हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग अवस्था में पहुंचकर स्वस्थ जीवन जीने का रहस्य खेल गतिविधियों में ही छिपा है।
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