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वीरभद्र सिंह के 7वीं बार चुनाव लड़ने के फैसले पर क्या बोले धूमल- जाने
ऊना। हिमाचल में बीजेपी ने 2022 विधानसभा चुनावों में रिपीट (2022 vidhan sabha election) करने को लेकर कार्यकर्ताओं को तराशने और एक्टिव करने को कवायद तेज कर दी है। बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति से लेकर मंडल स्तर की विभिन्न मोर्चों प्रकोष्टों की बैठकों (Meeting) के साथ ही अब बीजेपी (BJP) ने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी के तहत आज हरोली मंडल के प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ। वहीं ऊना (Una) मंडल के प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। इन दोनों शिविरों में बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल (Prem kumar Dhumal) ने शिरकत की। इस दौरान धूमल ने कार्यकर्ताओं को पार्टी की नीतियों से जनता को अवगत करवाने के साथ साथ केंद्र और प्रदेश में सत्तासीन बीजेपी सरकारों की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने का आह्वान भी किया।
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धूमल ने कहा कि कार्यकर्ताओं को एक्टिव रखने के लिए बीजेपी (BJP) द्वारा समय समय पर इस तरह के शिविरों का आयोजन किया जाता है। धूमल ने कहा कि इन प्रशिक्षण शिविरों का बीजेपी के मिशन रिपीट में भी लाभ मिलेगा। वहीं पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Former CM Virbhadra Singh) द्वारा विधानसभा चुनाव लड़ने और सातवीं बार सीएम बनने के ब्यान पर चुटकी लेते हुए धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह चुनाव लड़े, उनका स्वागत है लेकिन प्रदेश की जनता भविष्य तय करेगी कि किसे क्या बनाना है। वैसे इस प्रदेश व देश में कांग्रेस (Congress) के कई नेता सीएम व पीएम बनने के सपने देख रहे हैं। वहीं विधानसभा में गतिरोध टूटने के बाद कांग्रेस द्वारा इसे सच्चाई की जीत बताने पर धूमल ने कोई भी टिप्पणी करने से साफ़ मना कर दिया।
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कांग्रेस पर किया पलटवार
वहीं कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे महंगाई के आरोपों पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि महंगाई का शोर करने वाले कांग्रेसियों को यह समझ लेना चाहिए कि यूपीए सरकार (UPA Govt) के समय महंगाई चरम सीमा पर थी और वर्तमान में महंगाई की दर कम हुई है। धूमल ने माना कि पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में वृद्धि हुई है और इसको लेकर पेट्रोलियम मंत्री व सरकार चिंतित है। इसके लिए जहां अनेक उपाय तलाशे जा रहे हैंए वहीं उत्पादन बढ़े और रेट कम हो, इसको लेकर काम किया जा रहा है। निश्चित रूप से पेट्रोलिय पदार्थों के मूल्य आने वाले समय में सरकार के प्रयासों से कम होंगे।
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