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एक रिचार्ज करने पर दुकानदार को होती है इतने रुपये की बचत, पढ़ें पूरी खबर
दुनियाभर में लोग आजकल अपनी जीवन शैली में काफी व्यस्त हैं। लोगों के बिजी शेडयूल के कारण उनके पास खुद के लिए भी समय नहीं निकल पाता है, लेकिन आजकल ऑनलाइन सिस्टम ने लोगों के काम को सरल कर दियाल है। पहले समय में जहां लोगों को दिनभर लाइन में लग कर फोन या बिजली का बिल जमा करवाना पड़ता था या शॉपिंग करनी पड़ती थी, वहीं, अब ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम (online payment system) ने लोगों की इस समस्या को भी दूर कर दिया है। अब लोग खुद ही अपने फोन से घर बैठे-बैठे ही बिल, रिचार्ज, कैश ट्रासंफर आदि काम कर लेते हैं। जबकि कुछ लोग आज भी अपने फोन का रिचार्ज करवाने के लिए दुकानों में जाते हैं।
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आमतौर पर हम देखते हैं कि हम जितने रुपये का रिचार्ज करवाते हैं उतने ही रुपये हमारे फोन में आ जाते हैं, लेकिन दुकानदार भी इन्हीं रुपयों में से खुद की कमाई करता है। जो लोग रिचार्ज करने का काम करते हैं उन लोगों को कंपनी की तरफ से एक कमर्शियल सिम मिलती है। रिचार्ज करने वाले दुकानदार उसी सिम से रिचार्ज करते हैं और इसके बदले दुकानदारों को कमीशन मिलती है। दुकानदारों का कहना है कि उनको एक रिचार्ज करने पर तीन फीसदी ही कमीशन मिलती है। दुकानदारों का कहना है कि जब वह किसी के फोन में सौ रुपये का रिचार्ज करते हैं तब उनकी कमर्शियल सिम में से केवल 97 रुपये ही कटते हैं, तीन रुपये की उन्हें बचत हो जाती है।
गौरतलब है कि पहले कुपन से रिचार्ज किए जाते थे, जिसे टॉप-अप रिचार्ज कहा जाता था। इसमें रिचार्ज कुपन में एक स्क्रैच कोड बना होता था, जिसको स्क्रैच करके सिम में बैलेंस डाला जाता था। कंपनी यह रिचार्ज कूपन एमआरपी से कम रेट पर दुकानदार को बेचती थी और एमआरपी में दुकानदार का मुनाफा शामिल होता था। अब रिचार्ज करने का यह टॉप-अप वाला तरीका खत्म हो चुका है। अब रिचार्ज ऑनलाइन तरीके से ही किया जाता है। फिर चाहे वो दुकान से करना हो या घर से। अब कंपनियों के रिचार्ज मोबाइल ऐप के जरिए होते हैं। हर कंपनी का एक मोबाइल ऐप होता है, जिसके चलते अब रिचार्ज कहीं भी बैठकर किया जा सकता है। दुकानदारों को कंपनियों से ऐप में लॉग इन करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। मोबाइल ऐप में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद दुकानदारों को रिचार्ज करने का एक्सेस मिल जाता है। ऐसा करने से दुकानदारों को मुनाफा मिलता है।