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हंगामे और विपक्ष के वॉकआउट से हुआ मॉनसून सत्र का आगाज, विपक्ष ने मांगा स्थगन
शिमला। हिमाचल विधानसभा के सोमवार से शुरू हुए मॉनसून सत्र (Monsoon Session Of Himachal Assembly) का आगाज राज्य पर बरसी आपदा के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे और फिर नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion Under Rule 67) पर चर्चा की मांग को लेकर वॉआउट से हुआ। इस बीच, विधानसभा में हिमाचल प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का संकल्प प्रस्ताव पारित किया गया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष से भी इस संकल्प का समर्थन करने का आग्रह किया।
सीएम सुक्खू ने कहा कि बीजेपी पूरे तथ्यों और रिकॉर्ड के साथ विधानसभा में सच्चाई सामने रखे कि केंद्र ने राज्य को आपदा राहत के रूप में कितना पैसा दिया है। उन्होंने विपक्ष पर अखबारों में सुर्खियां बटोरने के लिए वॉकआउट (Walkout) का आरोप लगाते हुए कहा सरकार सुनने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष अपनी बात सदन में रखे और हमारी बात भी सुने। केवल वॉकआउट की मानसिकता से सदन में न आए।
केंद्र पर फोड़ना चाहते हैं ठीकरा
उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बहिर्गमन के बाद प्रेस से बात करते हुए कहा कि नियम 67 के तहत चर्चा का मतलब स्थगन प्रस्ताव होता है। विपक्ष चाहता है कि विधानसभा की बाकी सारी कार्यवाही को स्थगित कर सदन हिमाचल पर आई त्रासदी पर चर्चा करे। इसलिए नियम 67 के अंतर्गत हमने इस रखते हुए तुरंत चर्चा मांगी है। केंद्र से मदद मांगने की बात हम पहले से ही कर रहे हैं और विपक्ष ने हमेशा प्रयत्न किया है कि इस आपदा की घड़ी में हम केंद्र से जितनी भी मदद कर करने की मांग कर सकते हैं, करेंगे। प्रदेश सरकार की ओर से प्रबंधन की दृष्टि से जो प्रयास होने थे, उसको लेकर उनके हाथ खड़े हो गए हैं। यह सारा ठीकरा केंद्र सरकार (Central Govt) के ऊपर फोड़ा चाहते हैं। पहली जिम्मेदारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है और केंद्र सरकार लगातार मदद कर रही है और मदद करने का आग्रह कर रही है । केंद्र ने अभी मना नहीं किया कि हम नहीं करेंगे तो इसलिए सारे विषय पर हम जब चर्चा होगी तो विचार करेंगे। लेकिन पहले हमारी प्राथमिकता सीधी है कि नियम 67 के अंतर्गत स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से इस पर चर्चा होनी चाहिए, न कि सरकारी प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा करनी चाहिए।
स्पीकर का सुझाव
स्पीकर कुलदीप पठानिया (Speaker Kuldeep Pathania) ने सुझाव दिया कि अगर विपक्ष आपदा पर चर्चा के लिए तैयार है तो सरकार की तरफ से आये 102 संकल्प में ही नियमानुसार चर्चा करवाने को सरकार तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार ने पहले ही नियम 102 के तहत आपदा पर चर्चा (Discussion Under Rule 102) करवाने का आग्रह किया है, इसलिए 67 के तहत चर्चा की जरूरत नही है। नाराज विपक्ष ने सदन में नारेबाज़ी शुरू कर दी और वॉकआउट कर दिया।