-
Advertisement
दीप मिलन कार्यक्रम के बहाने रूठों को मनाएंगे जेपी नड्डा, आज पहुंचेगे बिलासपुर
Last Updated on October 22, 2022 by sintu kumar
हिमाचल में विधानसभा चुनावों के लिए टिकट ना मिलने पर चुनावी मैदान में उतरने वाले बागियों की हरकतों को देखते हुए बीजेपी ने भी कड़े तेवर अपना लिए है। उधर सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा डैमेज कंट्रोल में लगे हैं। इस बार बीजेपी में जितनी बगावत देखने को मिल रही है, आज से पहले शायद ही कभी ऐसी बगावत हुई हो। इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दिवाली मनाने आज बिलासपुर आ रहे हैं। सात ही 23 अक्टूबर को विजयपुर स्थित नड्डा निवास में दीप मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें वह कार्यकर्ताओं के साथ दिवाली मनाएंगे। दिवाली मिलने के बहाने नड्डा हिमाचल चुनावों में टिकट ना मिलने से नाराज चल रहे नेताओं को मनाने के प्रयास करेंगे। विधानसभा चुनाव के चलते नड्डा का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। दीप मिलन कार्यक्रम के बहाने नड्डा प्रदेश के राजनीतिक व चुनावी परिदृश्य पर फीडबैक लेंगे तो वहीं, चुनाव में जीत सुनिश्चित बनाने के लिए कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देकर नए जोश का संचार भी करेंगे। जाहिर है कि नड्डा के गृह जिला में बगावत शुरू हो गई है। सदर व झंडूता हलकों में अपनों की बगावत से बीजेपी की परेशानी बढ़ी है। सदर से सुभाष शर्मा ने बतौर आजाद प्रत्याशी नामांकन भर दिया है, जबकि झंडूता से राजकुमार कौंडल बागी हो गए हैं। कौंडल ने भी नामांकन कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है। इन दोनों हलकों में पार्टी की टेंशन बढ़ी है।
यह भी पढ़ें- हरोली पर हैं बीजेपी की नजरें टेढ़ी,चार बार से लगातार हार रही भगवां पार्टी
सुरेश कश्यप ने दी है चेतावनी
उधर प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की तरफ से भी इतना ही नहीं विरोध कर रहे लोगों को शांत करने के लिए चेतावनी तक जारी की गई है। सुरेश कश्यप ने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व से बातचीत के उपरांत यह निर्णय लिया गया है कि यदि पार्टी का कोई भी दायित्ववान कार्यकर्ता या पदाधिकारी विधान सभा चुनाव में पार्टी द्वारा अधिकृत प्रत्याशी के विरूद्ध निर्दलीय चुनाव लड़ता है या पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी का किसी भी स्तर का नेता, पदाधिकारी या कार्यकर्ता क्यों न हो यदि चुनावों में अनुशासनहीनता करते हुए पाया जाता है तो 6 वर्ष से पूर्व उसे किसी भी परिस्थिति में पार्टी में वापिस नहीं लिया जाएगा और ना ही पार्टी द्वारा उसके नाम पर विचार किया जाएगा।
प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने एक मंत्री सहित 10 विधायकों के टिकट काटे हैं और 2 मंत्रियों के सीटें बदली गई हैं। इससे पार्टी में बगावत बढ़ने लगी। टिकट ना मिलने से नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं का सब्र का बांध टूटने लगा और उनके बगावती स्वर मुखर होने लगे।