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मुंबई। दुनिया में कितने ही अजूबे और रहस्यमयी जगह हैं जिनके राज अभा तक भी लोग नहीं जान पाए हैं। ऐसी ही एक खास जगह है कलावंती दुर्ग (Kalavanti Durg)। ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो खतरनाक ट्रैकिंग और दुर्गम पर्यटन स्थलों पर जाना पसंद करते है और ये जगह भी ऐसी ही खतरनाक जगहों में से एक है। महाराष्ट्र के माथेरान और पनवेल के बीच स्थित कलावंती दुर्ग भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यह इंडिया का मोस्ट डेंजेरस एरिया (Most Dangerous Area) माना जाता है जहां कई इमारतों की कहानियां दफन हैं।
लगभग 2300 फीट ऊंचे इस दुर्ग पर चढ़ना बेहद रिस्की है। इस किले पर चढ़ने के लिए चट्टानों को काटकर सीढ़ियां बनाई गई हैं। इन सीढ़ियों पर ना तो रस्सियां है और ना ही कोई रेलिंग। और सबसे बड़ी समस्या है जोर से चक्कर आना। कलावंती दुर्ग को प्रबलगढ़ के किले के नाम से जाना जाता है। यह हॉन्टेड प्लेस भी कहलाता है क्योंकि यहां न तो कोई जल्दी आता है और जो आया वो सूर्यास्त से पहले ही चला जाता है। मीलों दूर तक फैला सन्नाटा दर और भय का कारण बना हुआ है। यहां के खंडहर मानो चीख चीख के अपने अतीत को बयान कर रहे हों और जब रात हो जाए तो यही चीखें सनसनाती हवा के साथ चारों और गूंजती हैं जहां एक एक कदम रहस्मयी दुनिया की ओर ले जाता है।
पहले इस किले को मुरंजन और प्रभागढ़ के नाम से भी जाना जाता था बाद में शिवाजी महाराज ने इसका नाम बदल कर कलावंती दुर्ग रख दिया। इस किले की ऊंचाई इतनी है कि यहां से देखने पर चंदेरी, करनाल, इर्शल और माथेरान किले साफ़ दिखाई देते हैं। मुंबई शहर को भी इस किले के ऊपर से देखा जा सकता है।
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