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काटजू बोले- पुरुषों को शादी से Sex मिलता है, बेरोज़गारी में शादी नहीं हो रही; रेप बढ़ रहे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू (Markandey Katju) ने एक बड़ा ही बेतुका बयान दिया है, जिसके कारण उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। बेरोज़गारी को बढ़ते रेप मामलों के लिए ज़िम्मेदार बताने वाले पोस्ट में काटजू ने लिखा कि रूढ़िवादी भारतीय समाज में पुरुषों को शादी से सेक्स (Sex) मिलता है लेकिन बेरोज़गारी (unemployment) के कारण शादियां नहीं हो रही हैं। अब्त काटजू को अपने इस पोस्ट के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जिसपर उन्होंने सफाई भी पेश की है।
12 करोड़ भारतीय बेरोजगार हो गए हैं, तो क्या रेप की घटनाएं बढ़ेंगी नहीं
काटजू ने अपने विवादित पोस्ट में लिखा कि हाथरस गैंगरेप की कड़ी निंदा करता हूं और दोषियों को सख्त से सख्त सजा की मांग करता हूं। इससे जुड़ा एक और नजरिया है, जिसपर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने लिखा कि पुरुषों में सेक्स की प्राकृतिक रूप से तीव्र इच्छा होती है। कभी-कभी कहा जाता है कि खाना खाने के बाद सेक्स दूसरी आवश्यकता है। भारत जैसे परंपरावादी समाज में सामान्यतौर पर शादी के बाद ही कोई सेक्स कर सकता है। लेकिन, यहां बहुत ज्यादा बेरोजगारी है और यह बढ़ती ही जा रही है। इसके चलते बड़ी तादाद में युवा शादी नहीं कर सकते (बेरोजगारों से लड़कियां शादी करने के लिए तैयार नहीं होतीं)। इस वजह से सेक्स की सामान्य जरूरत वाली उम्र में पहुंचकर भी बड़े पैमाने पर युवा पुरुष सेक्स से वंचित रह जाते हैं। पूर्व जज ने लिखा कि बढ़ती जनसंख्या की तुलना में रोजगार नहीं बढ़े हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि जून 2020 में 12 करोड़ भारतीय बेरोजगार हो गए हैं। तो क्या रेप की घटनाएं बढ़ेंगी नहीं।
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वहीं, अपनी सफाई में काटजू ने आगे लिखा कि वह बलात्कार को जायज नहीं ठहरा रहे हैं, बल्कि इसकी निंदा करते हैं। लेकिन देश में जो हालात मौजूद हैं इसका बढ़ना तय है। अगर वाकई इस तरह की घटनाएं कम करना चाहते हैं तो देश में ऐसी सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था तैयार होनी चाहिए जहां बेरोजगारी नहीं हो या बहुत ही कम हो।