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जानिए क्या हैं वो सात चीजें जिनको सिर्फ देखने से ही मिलता है पुण्य
कई बार हम सोचते हैं कि जीवन में गलत और सही काम को किस तरह के निर्धारित किया जाए और हम ऐसे क्या-क्या अच्छे काम कर सकते हैं जिनसे हमें पुण्य मिल सके। हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पुराणों में से एक गरुड़ पुराण में ऐसा बहुत कुछ है जो हमें कर्मफल के बारे में जानकारी देता है। गरुड़ पुराण (Garud Puran) में कुल 19 हजार श्लोक हैं जिसमें मनुष्य के कर्म के अनुसार उसे कैसे फल मिलते हैं इस बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। यहां तक की व्यक्ति का जीवन कैसे खुशहाल हो इन नीतियों के बारे में भी गरुड़ पुराण में बताया गया है। गरुड़ पुराण के एक श्लोक में उन सात बेहद पवित्र चीजों (Holy things) के बारे में बताया गया है जिनको सिर्फ देख लेने से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति हो जाती है। आज हम आपको उन्हीं सात चीजों के बारे में बताने वाले हैं …
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ये गरुड़ पुराण का श्लोक –
गोमूत्रं गोमयं दुग्धं गोधूलिं गोष्ठगोष्पदम्।
पक्कसस्यान्वितं क्षेत्रं द्ष्टा पुण्यं लभेद् ध्रुवम्।।
इसक अर्थ है कि गोमूत्र, गोबर, गाय का दूध, गोधूलि, गौशाला, गोखुर और पकी हुई फसल से भरपूर खेत देख लेने मात्र से ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है। अब इस चीज को हम विस्तार से आपको समझाते हैं।
गाय का दूध – सदियों से गाय के दूध को अमृत समान माना जाता है। पूजा में बनने वाले पंचामृत में भी गाय के दूध का ही इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेदिक इलाज में भी गाय के दूध का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में गरुड़ पुराण की मानें तो गाय का दूध देखने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है।
गोधूलि- गोधूलि यानी गाय के पैरों की धूल। शाम और रात के बीच के समय को भी गोधूलि बेला कहा जाता है। सनातन धर्म में गाय के पैरों की धूल को भी पुण्य देने वाला माना गया है इसलिए गरुड़ पुराण में गोधूलि को देखने से भी पुण्य प्राप्त होने की बात कही जा रही है।
गोमूत्र- हिंदू धर्म में गाय को माता और दैवीय पशु माना जाता है इसलिए गोमूत्र को भी शास्त्रों में बेहद पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि गोमूत्र में मां गंगा का वास होता है। आयुर्वेद में गोमूत्र का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।
गोबर- गोमूत्र की ही तरह गोबर को भी सनातन धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। पूजा घर को गोबर से लीप कर पवित्र बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। पूजा में भी गौरी और गणेश की प्रतिमा गाय के गोबर से ही बनायी जाती है। ऐसे में गरुड़ पुराण का कहना है कि अगर आप गोबर को देख लें तो इससे भी आपको शुभ फल और पुण्य मिलता है।
गौशाला- गौशाला यानी वह जगह जहां गाय रहती है । गौशाला को भी पवित्र माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार गौशाला के दर्शन भर से ही आप पुण्य के भागीदार बन सकते हैं।
गोखुर- गोखुर यानी गाय के पांव। जिस तरह बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने से पुण्य की प्राप्ति होती है और गाय के पैरों की धूल को पुण्य देने वाला माना गया है ठीक उसी तरह गाय के पैर यानी खुर को देखना भी पुण्य देने के बराबर है।
पकी हुई फसल का खेत- पकी हुई फसल का खेत देखने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। इसका कारण ये है कि पकी हुई फसल से भरा खेत किसान की मेहनत और समृद्धि का सूचक है।