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कोरोना काल में बड़े काम का थर्मामीटर, जानिए किसने-कब किया था आविष्कार
कोरोना काल में दो डिवाइस ऐसे हैं जो हर किसी के हाथ में नजर आ रहे हैं और लोग समय-समय पर इसको इस्तेमाल भी कर रहे हैं। ये हैं थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर। थर्मामीटर (Thermometer) तो ऐसी चीज है जो हमेशा से हर किसी के घर में फर्स्ट एड बॉक्स में रखा ही होता है। शरीर का तापमान कम है या ज्यादा, बुखार कितना डिग्री है ये बिना डॉक्टर के पास जाए ही पता चल जाता है थर्मामीटर की मदद से। जब से कोरोना महामारी (Corona Epidemic) ने दुनिया में तबाही मचानी शुरू की है तब से तो थर्मामीटर की अहमियत और भी बढ़ गई है। इसका महत्व और काम तो आप जानते हैं लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि थर्मामीटर का आविष्कार किसने किया था और कब। आपको इसी के बारे में हम बताने जा रहे हैं।
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थर्मामीटर का आविष्कार किया था डेनियल गैब्रियल फॉरेनहाइट ने। डेनियल गैब्रियल फॉरेनहाइट (Daniel Gabriel Fahrenheit) का जन्म 24 मई,1686 को हुआ था। उनका जन्म पोलैंड में हुआ था मगर वह मूल रूप से जर्मन थे और उनका जीवन डच रिपब्लिक में बीता था। डेनियल एक भौतिक शास्त्री थे। उन्हें डच साइंस और टेक्नोलॉजी के स्वर्ण युग का अहम वैज्ञानिक करार दिया जाता है। उन्हें पारे पर आधारित उस थर्मामीटर को बनाने का श्रेय दिया जाता है जिससे आज आप अपना बुखार चेक करते हैं। कहते हैं कि डैनियल बहुत ही सीक्रेट तरीके से अपने आविष्कार को आगे बढ़ाया था। एक प्रतिष्ठित बिजनेस फैमिली से आने वाले डेनियल ने 18 साल तक थर्मामीटर पर काम किया था।
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पहले पारे के जगह रखा गया था थर्मामीटर में अल्कोहल
सन् 1714 तक उन्होंने अपने पहले दो थर्मामीटर को बनाने का काम पूरा कर लिया था। डैनियल ने पारे से पहले थर्मामीटर में अल्कोहल (Alcohol) को रखा था, लेकिन बाद अल्कोहल के साथ उनके प्रयोग सफल नहीं हो सके थे। अल्कोहल की वजह से तापमान का सही पता नहीं लगाया जा सका था फिर उन्होंने शराब की जगह पारे का प्रयोग किया। कहते हैं कि अपने आविष्कार के लिए उन्होंने डेनमार्क के वैज्ञानिक ओलास रोमर के थर्मामीटर से प्रेरणा ली थी और शराब को पारे से रिप्लेस करने की प्रेरणा उन्हें जी एमोनटोस के काम से मिली थी।
भारत के साथ भी रहा था डैनियर का कनेक्शन
डेनियल ने पानी के ब्वॉयलिंग प्वाइंट (Boiling point) और दूसरे लिक्विड्स के ब्वॉयलिंग प्वाइंट का अध्ययन किया था। इन प्रयोगों के बाद उन्हें पता लगा कि वातावरण में अलग-अलग दबाव पर पानी का ब्वॉयलिंग प्वाइंट भी बदल जाता है। सन् 1724 में पहली बार फॉरेनहाइट स्केल का प्रयोग तापमान को मापने के लिए किया गया था। फॉरेनहाइट तापमान का प्रयोग अमेरिका समेत कई देशों में किया जाता है जबकि कुछ देशों में सेल्सियस का प्रयोग होता है। खास बात ये है कि डेनियल गैब्रियल का भारत के साथ भी कनेक्शन रहा था। बताया जाता है कि एप्रेंटिसशिप में हिस्सा लेने की वजह से उन्हें भारत निर्वासित किया जाने वाला था। साल 2012 में क्रिस्टीज में नीलामी के दौरान डैनियर के बनाए गए शुरुआती थर्मामीटर को 1,07,802 डॉलर में खरीदा गया।