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गुप्ताजी आज सुबह-सुबह पेपर पढ़ रहे थे….
बेटा अपने पिता वर्मा जी से पूछ रहा था…
रात को कमरे का ताला खराब हो गया था…
मोहित – मैं स्कूल नहीं जाऊंगा…!
मां – क्यों बेटा? क्या पढ़ाई में मन नहीं लगता..?
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मोहित – नहीं मां, ये बात नहीं है…
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मां – फिर क्या बात है..?
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मोहित – मास्टर जी को तो कुछ आता जाता है नहीं,
हर सवाल का जवाब मुझसे पूछते हैं…!!!
सोमू एक दर्जी के पास गया…
सोमू – पैंट की सिलाई कितनी है…?
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दर्जी – 200 रुपये…
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सोमू – और निक्कर की…?
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दर्जी – 50 रुपये…
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सोमू (कुछ देर सोचकर) – तो फिर निक्कर ही सिल दो,
बस लंबाई पैरों तक कर देना…!!!
पप्पू उदास बैठा था…
गप्पू – क्या हुआ, उदास क्यों बैठा है?
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पप्पू – क्या बताऊं यार, किसी ने कहा कि पेड़ से हमें ‘शीतल छाया’ मिलती है…
मैं यहां पेड़ के नीचे तीन दिन से बैठा हूं, लेकिन न तो शीतल आई और न छाया…!!!
गुप्ताजी आज सुबह-सुबह पेपर पढ़ रहे थे….
चार सरदार ट्रेन के पीछे भाग रहे थे…
दो चढ़ गए, तो ट्रेन में लोगों ने कहा –
‘वेल डन’
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सरदार – क्या खाक ‘वेल डन’
जाना तो उन्हें था, हम तो छोड़ने आए थे…!!!