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हिमाचल में तेंदुआ और काले भालुओं की गिनती हुई शुरू
Last Updated on November 26, 2022 by sintu kumar
हमीरपुर। हिमाचल में तेंदुआ (Leopard) और काले भालुओं (black bears) की गिनती हो रही है। प्रदेश में यह पहली बार साइंटिफिक सर्वे (scientific survey) हो रहा है। विभाग के पास इनकी संख्या के पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। जब यह काम पूरा हो जाएगा । जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के सहयोग से पूरे हिमाचल में चिह्नित किए गए टैपिंग एरिया के सैंपल कलेक्शन का काम पिछले माह मुकम्मल हो चुका है। अब अगले साल मई-जून तक यह रिपोर्ट फाइनल हो जाएगी। इस संबंध में हिमाचल में वर्ष 2003.04 में जनरल सर्वे हुआ था। मगर यह कारगर साबित नहीं हो सका था।
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तेंदुआ कभी-कभी नरभक्षी हो जाता है। इसके लिए आवाज भी उठती रही है। आमतौर पर तेंदुआ हिमाचल के कई इलाकों में दहशत फैला चुके हैं। रिहायशी इलाकों में भी इनकी मौजूदगी अक्सर देखी जाती रही है। इसके लिए सेटेलाइट के हिसाब से एरिया सिलेक्ट हुए थे। वहीं इनके ग्रिड भी बने थे। ताकि प्रमाणित संख्या का पता लगाया जा सके। काले भालुओं की संख्या के लिए अभी तक हिमाचल में कोई भी सर्वे नहीं हो सका है। सैंपल कलेक्शन के बाद अब जेनेटिक एनालिसिस शुरू हो चुका हैए इसमें समय लगता है। वाइल्डलाइफ और फॉरेस्ट विभाग ने साझा रूप में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Zoological Survey of India) के माध्यम से जो एजेंसी हायर की थी उसका फील्ड वर्क मुकम्मल हो चुका है। ट्रेपिंग एरिया में तीन-तीन हफ्ते तक यह सैंपल कलेक्शन हुई है। अब डीएनए एनालिसिस किया जाएगा।वाइल्डलाइफ के एडिशनल पीसीसीएफ अनिल ठाकुर का कहना है कि प्रोसेस लंबा रहता है। लेकिन पहली मर्तबा इस तरह का सर्वे हो रहा है। साइंटिफिक सर्वे से वास्तविक स्थिति सामने आएगी। इसके लिए थोड़ा वक्त लगेगा। मई-जून तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। इसके बाद इनसे संबंधित समस्याओं और स्ट्रेटजी बनाने में विभाग को मदद मिलेगी।