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हिमाचल में लटका आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने का मसला, यहां जाने कारण
शिमला। हिमाचल में नीति बनाने का इंतजार कर रहे हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों (Outsourced Employees) के लिए बुरी खबर है। अधिकारियों की गलत रिपोर्ट के चलते इन कर्मचारियों को अभी नीति (Policy) के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने कैबिनेट सब कमेटी को जो डाइंग कॉडर की रिपोर्ट सौंपी है वह गलत है। जिसके चलते ही नीति बनाने का कार्य लटक गया है। अब विभागों (Departments) में घोषित डाइंग काडर की सही रिपोर्ट आने के बाद ही यह मामला आगे बढ़ पाएगा और ऐसे में इसको अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
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मिली जानकारी के अनुसार कई विभागाध्यक्षों ने किसी भी तरह की जानकारी अब तक कमेटी को नहीं दी है। अधिकारियों की सुस्ती और काम के प्रति गंभीरता ना दिखाने के चलते ही हजारों आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाए जाने का मामला लटकता चला जा रहा है। प्रदेश में करीब 30 हजार कर्मचारी विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों में आउटसोर्स पर कार्यरत हैं। एजेंसियों के माध्यम से भर्ती इन कर्मचारियों को वेतन सरकारी खजाने से मिलता है। वेतन विसंगतियों के साथ साथ कर्मचारियों के ईपीएफ व समय पर वेतन न मिलने की भी शिकायतें सरकार तक पहुंची हैं। सरकार ने इस मसले के समाधान के लिए जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर (Mahendra Singh Thakur) की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी (Cabinet Sub Committee) का गठन किया है।
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