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मंडी। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में आने वाले दिनों में ड्रोन (Drone) की मदद से दुर्गम क्षेत्रों तक दवाइयां पहुंचाई जाएंगी। साथ ही साथ दुर्गम क्षेत्रों में लोगों के विभिन्न प्रकार के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए जोनल अस्पताल मंडी (Zonal Hospital Mandi) या फिर मेडिकल कॉलेज नेरचौक (Medical College Nerchowk) तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से मंजूरी मिलने के बाद ड्रोन का ट्रायल किया है जोकि पूरी तरह से सफल रहा है।
सीएमओ मंडी डॉ देवेंद्र शर्मा ने बताया कि विभाग की तरफ से राज्य सरकार को ड्रोन का इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी के लिए करने का प्रस्ताव भेजा गया था। जिसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) से मंजूरी मांगी और मंजूरी मिलते ही यहां एक टीम भेजी गई, जिसके द्वारा किया गया ट्रायल सफल रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में आईसीएमआर, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (National Institute of Epidemiology) और आईआईटी चेन्नई (IT Chennai) के अंतर्गत कार्य करने वाली यूवी फ्लाई कंपनी को स्टेकहोल्डर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि यूवी फ्लाई की टीम द्वारा जिला मंडी के जंजैहली, सराओ, बाढू और बरोट जैसे दुर्गम स्थानों पर सफल ट्रायल किया गया और जोनल अस्पताल मंडी में ड्रोन की सफल लैंडिंग भी करवाई गई। सीएमओ डॉ. देवेंद्र शर्मा ने बताया कि दुर्गम क्षेत्र होने के कारण दवाइयों और सैंपल को लाने-जाने में काफी ज्यादा खर्च करना पड़ता है और काफी समय भी लगता है, लेकिन अब ड्रोन की मदद से इस कार्य को जल्द और कम खर्च में किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सरकार से मंजूरी मिलते ही ड्रोन की सेवा को जिला में शुरू कर दिया जाएगा।
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