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पिछले बार तिरंगे पर बोलीं तब 370 हटा: अब एक बार फिर महबूबा ने छेड़ा ‘कश्मीरी झंडे’ का राग
Last Updated on October 23, 2020 by Deepak
श्रीनगर। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से धारा 370 (Article 370) के हटने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के अलग झंडे का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। जिसके बाद अब जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर इसी झंडे को लेकर अपने पुराने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
यहां पढ़ें पहले क्या बोलीं थीं महबूबा
आपको याद दिला दें कि राज्य का 2-2 अलगा हिस्सों में बंटवारा होने से पहले अनुच्छेद 35A (Article 35A) को खत्म किए जाने की अटकलों को बीच महबूबा ने इसी तरह का एक बयान दिया था। तब उन्होंने कहा था कि आग से मत खेलो, अनुच्छेद-35A से छेड़छाड़ मत करो वरना 1947 से अब तक जो आपने नहीं देखा, वह देखोगे। यदि ऐसा होता है तो मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लोग तिरंगा (tricolor) उठाने की बजाए कौन सा झंडा उठाएंगे।
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वहीं, महबूबा के इस बयान के कुछ ही महीनों के बाद जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Article 370) को हटा दिया गया था। इसके साथ ही प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों पर तिरंगा लहरा दिया गया था। जबकि इससे पहले जम्मू-कश्मीर में खुद का संविधान होता था साथ ही वहां का झंडा और दंड संहिता भी अपनी होती थी। वहीं, केंद्र सरकार द्वारा यह सारी कार्रवाई किए जाने के दौरान महबूबा मुफ़्ती को नजर बंद भी कर दिया गया था, जिसके बाद अब जाकर कुछ दिनों पहले उन्हें नजरबंदी से रिहा किया गया है। हालांकि इतने दिनों तक नजरबंद रहने के बावजूद भी महबूबा के तेवर बिलकुल भी नहीं बदले हैं।
मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी
लंबे समय तक मीडिया से दूर रहने के बाद महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि हम अनुच्छेद 370 वापस लेकर रहेंगे। इस दौराने उन्होंने इतिहास बन चुके झंडे का राग दोबारा से छेड़ते हुए ऐलान किया कि मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। यानी उन्होंने फिर से एक देश दो झंडे वाली सियासत को आगे करते हुए तिरंगा हाथ में लेने से इनकार कर दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है।’