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हिमाचल: 24 सितंबर को हड़ताल पर जाएंगे मिड डे मील वर्कर, ये हैं मांगें
Last Updated on September 23, 2021 by Deepak
शिमला। हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्कर (Himachal Pradesh Mid Day Meal Worker) सीटू (CITU) के बैनर तले हड़ताल पर जाने वाले हैं। उन्होंने सरकार को धमकी दी है कि वे 24 सितंबर को विभिन्न मांगें पूरी नहीं होने के चलते हड़ताल करेंगे। साथ ही इस दिन मिड डे मील कर्मी स्कूलों में कार्य बन्द करके जिला व ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। वहीं, डीसी और शिमला निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) को ज्ञापन सौपेंगे।
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केंद्र कर रही निजीकरण की साजिश
यूनियन प्रदेशाध्यक्ष कांता महंत व महासचिव हिमी देवी ने केंद्र सरकार की मिड डे मील विरोधी नीतियों पर जमकर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मिड डे मील योजना के निजीकरण की साजिश रच रही है। इसलिए ही साल दर साल इस योजना के बजट में निरंतर कटौती कर रही है। इस साल भी मध्याह्न भोजन योजना के बजट में चौदह सौ करोड़ रुपए की कटौती कर गयी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2009 के बाद मिड डे मील कर्मियों के वेतन में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं की है।
महज 2600 रुपए है गुजार भत्ता
उन्हें वर्तमान में केवल 2600 रुपये वेतन मिल रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी मात्र एक हजार रुपए है। यह मात्र 85 रुपए दिहाड़ी है। भारी महंगाई के इस दौर में गुजारा करना मुश्किल है। उन्हें हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद बारह महीने के बजाए केवल दस महीने का वेतन दिया जा रहा है। छुट्टियां, ईपीएफ, मेडिकल आदि कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। उन्हें वेतन तीन से छह महीने के अंतराल में मिलता है। इस तरह उनका भारी शोषण किया जा रहा है।
न्यूनतम वेतन 9000 रुपए करने की मांग
उन्होंने सरकार से मांग की है कि मिड डे मील कर्मियों को न्यूनतम वेतन नौ हजार रुपए दिया जाए। उन्होंने महिला कर्मियों के लिए वेतन सहित छह महीने का प्रसूति अवकाश देने की मांग की है। उन्होंने 45वें और 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मिड डे मील वर्कर स्कूल में सभी तरह का कार्य करते हैं।