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इस मंदिर में चढ़ाया जाता है क्विंटलों दूध, बनाई जाती है खीर
बिहार के सहरसा (Sahrsa) जिले में कोसी के कछार पर एक ऐसा मंदिर (Temple) है, जहां लोग शिव भक्त और गौ प्रेमी लोकदेवता संत कारू खिरहरी (Saint Karu Khirhari Temple) को लोग अपनी गाय और भैंस का पहला दूध चढ़ाते हैं। यही कारण है कि यहां प्रतिदिन कई क्विंटल दूध चढ़ाया जाता है। इसके बाद यहां खीर का भोग भी लगाया जाता है। इस भक्तों में बांटा जाता है। यह मंदिर जिला मुख्यालय से तकरीबन तीस किलोमीटर दूर के महिषी प्रखंड के तहत आने वाले गांव में स्थित है। संत बाबा कारू खिरहरी मंदिर की विशेषता यह भी है कि यहां भक्तजनों के चढ़ाए दूध से खीर बनती है।
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मगर यहां आश्चर्य की बात यह है कि इस खीर में बिना शक्कर और चीनी (sugar and sugar) के ही मिठास आ जाती है। दोपहर तक जितना भी दूध चढ़ाया जाता है उससे खीर बनाई जाती है और भक्त प्रसाद ग्रहण करके ही वापस लौटते हैं। यहां कोसी, अंग और मिथिला के पशुपालक आते हैं और परंपरा के अनुसार दूध चढ़ाते हैं। यहां मान्यता है कि कि बाबा कारू खिरहर के लहटा बथान (बरैठा) पर बीमार पशु को ले जाएं तो वह ठीक हो जाता है, आज भी बाबा को लोक देवता के रूप में पूजा जाता हैण् इन क्षेत्रों के पशुपालक बाबा से मन्नत मांगते हैं कि उनके पशु हमेशा स्वस्थ रहें। वहीं जानकारी के अनुसार 17वीं शताब्दी से ही बाबा का स्थल है, जहां प्रतिदिन कई क्विंटल दूध चढ़ावे के तौर पर आता है। दशहरे के अवसर पर तो कई टन दूध चढ़ता है। मंदिर के महंत चुकएंदर खिरहरी लोक मान्यता बताते हैं कि संत कारू बाबा बड़े पशुपालक थे। उनके पास असंख्य गायें थीं। वे महादेव शिव के अनन्य भक्त थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें वरदान दिया कि प्रतिदिन आपके यहां दूध की धार पड़ेगी और खीर का भोजन होगा।