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माहौल खराब करने आए हैं राकेश टिकैत, ऐसे लोगों को हिमाचल बुलाने की जरूरत नहीं
शिमला। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) हिमाचल दौरे पर हैं। सोलन (Solan) में राकेश टिकैत के आगमन पर ही बवाल खड़ा हो गया। सोलन मंडी के एक आढ़ती से उनकी तीखी नोकझोंक हो गई। किसान आंदोलन के नेता के हिमाचल में प्रवेश करते ही माहौल गरमा गया। सोलन में किसान नेता और लोगों के बीच हुए विरोध पर अब प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है।
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अतिथियों का स्वागत
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Urabn Development Minister Rakesh Tikait) ने कहा कि हिमाचल में अतिथियों का स्वागत है, लेकिन जिस तरह से राकेश टिकैत जो खुद को किसान नेता कहते हैं। उन्होंने आज प्रदेश के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया है वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि एक ओर ये लोग आंदोलन की बात करते हैं, दूसरी ओर इनके विरोध करने वालों से दुर्व्यवहार करते हैं।
माहौल खराब करने की कोशिश
मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि ऐसा व्यवहार दर्शाता है कि किस प्रकार से देवभूमि हिमाचल में माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। हिमाचल सरकार किसानों बागवानों के साथ है, लेकिन प्रदेश के लोगों के से साथ किया गया दुर्व्यवहार निंदनीय है।भारद्वाज ने कहा कि यदि किसान अपनी कोई समस्या सामने रखता है। तो वह जायज है, लेकिन इस तरह से माहौल खराब करने वाले और ऐसे तत्वों को प्रदेश में बुलाने वाले किसानों के हितैषी कतई नहीं है।
टिकैत हैं टूरिस्ट
ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य तथा पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राकेश टिकैत हिमाचल प्रदेश में पर्यटक बनकर आए हैं। एक पर्यटक के रूप में उनका स्वागत है। लेकिन उन्हें ना तो हिमाचल प्रदेश का कोई ज्ञान है और ना ही यहां के संस्कारों का। कंवर ने कहा कि टिकैत का अभद्र भाषा प्रयोग करना दुर्भाग्यपूर्ण है, जो उनकी ओच्छी मानसिकता का स्पष्ट प्रमाण है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि राकेश टिकैत को हिमाचल प्रदेश के संबंध में भी कोई ज्ञान नहीं है और धरातल की उन्हें कोई जानकारी भी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में मंडियों की व्यवस्था काफी सुदृढ़ है। सीएम जय राम ठाकुर ने मंडियों के लिए हाल ही में 250 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं, जिससे एपीएमसी का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत को कुछ लोग अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं के चलते हिमाचल प्रदेश में लाए हैं, जो कभी सफल नहीं होंगी। टिकैत स्वंयभू किसान नेता हैं, जिन्हें किसानों से कोई सरोकार नहीं है। वह केवल अपनी राजनीतिक चमकाने का प्रयास कर रहे हैं।
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