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टिकैत की धमक: शिमला को दिल्ली बनते नहीं लगेगी देर, इसकी जिम्मेवार सरकार होगी
Last Updated on August 28, 2021 by Sintu Kumar
शिमला। दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर (Farmer Protest) की आवाज आज शिमला में भी सुनाई दी। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Bhartiya Kishan Union Leader Rakesh Tikait) आज शिमला पहुंचे। दोपहर को मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने जयराम सरकार (Jairam Government) को आड़े हाथों लिया। राकेश टिकैत ने कहा कि यह बीजेपी की सरकार नहीं है, बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है। इसके साथ ही उन्होंने सेब (Apple) के ट्रांसपोर्टेशन में सब्सिडी मुहैया कराने की बात कही।
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अडानी पर निशाना
शिमला में मीडिया से मुखातिब होते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में 9 महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की बात मानने को तैयार नहीं है। अब हिमाचल के सेब में आई गिरावट की वजह अडानी के द्वारा प्रदेश में बनाए गए कोल्ड स्टोरेज हैं। अभी बागवानों से सस्ते सेब खरीद कर स्टोर करके दोगुने रेट पर बेचे जाएंगे।
बागवानों का दर्द जानने आए
राकेश टिकैत ने कहा कि सेब बागवानों को बारिश से भी नुकसान हुआ है। इसलिए वह यहां के किसानों दर्द जानने आए हैं। टिकैत ने कहा कि उद्योगपति किसानों की जमीनें हड़पना चाहते है। इसलिए यह साजिश रची जा रही है। प्रदेश के किसान इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं। उनके हित्तों की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते हैं, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
कांट्रेक्ट फार्मिंग का नतीजा
सेब के दामों में गिरावट कांट्रेक्ट फार्मिंग का ही उदाहरण है। अडानी ने किसानों से सस्ते दामों पर सेब खरीदा और फिर महंगे दामों में मार्केट में उतारा। इन कानूनों से विदेश में भी किसान बर्बाद हो गए हैं। टिकैत ने कहा कि सरकार जब तक एमएसपी कानून लागू नहीं करती और कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती। तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
ठंडे प्रदेश को गर्म कर देंगे
उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी शिमला ठंडी जगह है, लेकिन यहाँ के मौसम को गर्म करने में समय नहीं लगेगा। जिस प्रकार दिल्ली में किसान डटे है उसी तरह शिमला को दिल्ली बनने में देर नहीं लगेगी। अगर बड़े व्यापारियों के कोल्ड स्टोर तोड़े जाते हैं तो उसकी जिम्मेदारी किसान की नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार किसी एक पार्टी की नहीं है बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है। इसलिए ऐसा षड्यंत्र हो रहा है।