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नदी-नालों के आसपास धुंध का यह है राज, आप भी जान लीजिए
आपने अकसर देखा होगा कि नदी-नालों (Rivers) के आसपास अन्य इलाकों की अपेक्षा ज्यादा धुंध (Mist) छाई रहती है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे का कारण क्या है। इसका कनेक्शन मौसम से होता है। द कंवर्सेशन (The Conversation) की रिपोर्ट कहती है कि पानी के तीन रूप होते हैं। ठोस बर्फ, लिक्विड वॉटर और गैस (Gas) के रूप में पानी की भाप पानी के तीसरे रूप का असर ही सर्दियों में गैस के रूप में दिखता है। जानिए ऐसा क्यों होता है…..
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नदियों और महासागरों का पानी फ्रीजिंग प्वाइंट से ज्यादा ठंडा नहीं हो सकता
सर्दियों के दिनों में भी नदी और महासागर (Ocean) का पानी फ्रीजिंग प्वाइंट से ज्यादा ठंडा नहीं हो सकता, इसलिए महासागर की सतह ऊपरी ठंडी हवा के मुकाबले गर्म रहती है। इस गर्म और ठंडे माहौल के कारण काफी मात्रा में पानी भाप बनकर उड़ता है जो दूर से देखने पर गैस के रूप में दिखता है। इस गैस का होता क्या है, इसे भी समझ लीजिए….
ऐसे बनती है सी-स्मोक
सर्दियों में जब भाप पानी की सतह से ऊपर की ओर बढ़ना शुरू होती है तो ठंडी हवा में मिलने लगती है। ऐसा होने पर उस जगह की हवा में भाप के कारण छोटी-छोटी पानी की बूंदें इकट्ठा हो जाती हैं। इसे सी-स्मोक (Sea-Smoke) भी कहा जाता है। इस तरह पानी की ऊपरी सतह पर भाप गैस के रूप में दिखाई देती है। इस भाप के कारण पानी के ऊपर से गुजरने वाले बड़े जहाजों को तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन नाव चलाने वाले के लिए आगे का रास्ता दिखना मुश्किल हो जाता है। सी-स्मोक के मामले आर्कटिक और एंटार्कटिक में बेहद कॉमन हैं। इसे बड़े स्तर पर यहां देखा जाता है।
फ्रॉस्ट स्मोक या स्टीम फॉग भी कहते है
सर्दियों में पानी की सतर पर दिखने वाली भाप को फ्रॉस्ट स्मोक या स्टीम फॉग भी कहते है। अगली बार जब भी पानी की सतह पर आपको फ्रॉस्ट स्मोक दिखे तो समझ जाइएगा कि कम तापमान के कारण पानी का वाष्पीकरण हो रहा है जो भाप के जरिए निकल रहा है।
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