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नाम ब्लैक डायमंड, एक सेब की कीमत 500 रु; जानें क्यों है इतना महंगा?
जब भी हम सेब (Apple) का नाम सुनते हैं तो पहली तस्वीर हमारे मन में ‘लाल’ सेब की आती है। हिमाचल में कई वैराइटी का सेब पाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी काला सेब खाया है। जी हां काला सेब जिसे ‘ब्लैक डायमंड’ (Black Diamond) के नाम से जाना जाता है। ये सेब ना तो आसानी से मिलता है और ना ही सभी इसे खा सकते हैं। ये सेब बाजार में भी आसानी से नहीं मिलता। ना मिलने का मेन कारण इसकी कीमत है। यह इतना ज्यादा महंगा (Expensive) है कि हर कोई इसे खरीद नहीं सकता। 1 एप्पल 500 से 1000 रु. में बिकता है। कई देशों में इस सेब की खूब डिमांड रहती है।
बेहद ठंडी जगहों पर मिलता है ‘ब्लैक डायमंड’
‘ब्लैक डायमंड’ दिखने में बिल्कुल गहरे काले (Black) रंग या बैंगनी रंग का होता है। ये खाने में शक्कर से भी ज्यादा मीठा होता है। ‘ब्लैक डायमंड एप्पल’ बेहद ठंडी जगहों (Cold Places) पर उगाया जाता है। अब तक इसकी खेती सिर्फ भूटान या तिब्बत की पहाड़ियों में ही की जाती है। जहां की जलवायु परिस्थितियां इसके लिए पूरी तरह सटीक बैठती हैं। वहां के स्थानिय निवासी इसे ‘हुआ निउ’ के नाम से जानते हैं। काले सेब को समुद्रतल से काफी ऊंचाई पर पहाड़ियों में उगाया जाता है। इसके अंदर कई ऐसे गुण मौजूद हैं जो इसे बेशकीमती बनाते हैं। यही बजह है कि ये इतना महंगा है।
Apples are generally red, green, yellow, but if the right geographical conditions are met, they can apparently grow dark purple, almost black, as well.
These rare apples are called Black Diamond and they are currently only grown in the mountains of Tibet. pic.twitter.com/j4XXrDlS4X
— Massimo (@Rainmaker1973) November 16, 2023
सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद
ब्लैक डायमंड सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद (Beneficial) है इसे गुणों की खान कहा जा सकता है। काले सेब में हाई सॉल्युबल फाइबर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने और हार्ट डिजीज की रोकथाम में फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, इसमें इनसोल्युबल फ़ाइबर भी होते हैं, जो डाइजेशन सुधारते हैं। ब्लैक डायमंड एप्पल में विटामिन C और A के साथ-साथ पोटैशियम और आयरन भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। यह सेब आसानी से और हर जगह नहीं मिलता। साथ ही इसका उत्पादन भी बेहद सीमित है। सेब के एक साधारण पेड़ को फलदार होने में 4 से 5 साल लगते हैं, जबकि काले सेब के पेड़ को फलदार बनने में 8 साल लगते हैं। इस सेब के पेड़ केवल 30 प्रतिशत ही काले सेब का उत्पादन करने में सक्षम होते हैं।
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