-
Advertisement
ये है बिच्छू बूटी के पत्तों की चाय,16 बीमारियों को भगाती है दूर
Last Updated on January 3, 2023 by sintu kumar
वी कुमार/ मंडी। आईआईटी मंडी में जारी राज्यस्तरीय चार दिवसीय चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस ( Children’s Science Congress)में नए वैज्ञानिक बच्चों ने एक से बढ़कर एक मॉडल तैयार किए हैं। प्रदेश के दूरदराज के जिला चंबा के सलूणी ब्लॉक के पैरामाऊंट पब्लिक स्कूल किहार( Paramount Public School Kihar) के छात्र नीरज ने बिच्छु बूटी से चाय बनाने का मॉडल पेश किया है। बिच्छू बूटी यानि नेटल लीफ से बनने वाली इस चाय की खास बात यह है कि यह भाप के माध्यम से तैयार की जाती है। वहीं यह चाय कई बीमारियों को दूर करने में भी सहायक है, ऐसा दावा मॉडल के माध्यम से किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें:अब खेतों की रखवाली करने की टेंशन नहीं, स्कूली छात्र ने किया कुछ ऐसा कमाल
स्कूल के छात्र नीरज ठाकुर बताया कि उनके शिक्षक डॉ. रियाज जो बायोलॉजी में पीएचडी हैं की प्रेरणा से बिच्छू बूटी की चाय बनाने का तरीका ईजाद किया है। सबसे पहले बिच्छू बूटी के पत्तों को सुखाया जाता है। चाय बनाने के लिए प्रेशर कुकर में बिच्छू बूटी के पत्तों को पानी डाला जाता है। कुकर की सीटी खोलकर उसमें एक नली लगाकर भाप के माध्यम से एक पात्र में बिच्छू बूटी का रस भाप के माध्यम से इकट्ठा करते हैं। इस रस में शहद मिलाकर स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यवर्धक चाय तैयार बनाई जा रही है। नेटल एक औषधीय गुणों से भरपूर कंटीला पौधा है जो नेपाल व मध्य हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक तौर पर उगता है।
वहीं स्कूल के अध्यापक नरेश कुमार ने बताया कि बिच्छू बूटी हिमाचल प्रदेश में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। बिच्छू बूटी के पत्तों से बनने वाली चाय के आम चाय के मुकाबले कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है। बिच्छू बूटी के पत्तों की चाय एलर्जी, ब्लड प्रेशर, शुगर व हृदय संबंधी सहित 16 तरह की बीमारियों को खत्म करने में भी सहायक है।
बता दें कि नेटल लीफ को हिंदी में बिच्छू बूटी या फिर कंडाली भी कहते हैं। बिच्छू बूटी में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं। नेटल लीफ या बिच्छू बूटी नमी वाली जगह पर अधिक उगती है। इसकी पत्तियों को छूने से शरीर में जलन होने लगती है। लेकिन यह सेहत के लिए बहुत स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। हिमाचल प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की ओर से आईआईटी कमांद में आयोजित 30वीं चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस में प्रदेश भर से 600 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। यहां से 16 मेधावी बच्चों के मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर गुजरात के अहमदाबाद में होने वाली राष्ट्रीय चिल्ड्रन साइंस में शामिल किए जाएंगे।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group