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खतरे की घंटी: ब्रिटेन में तबाही मचाने वाले कोरोना का नया वैरिएंट भारत में मिला
नई दिल्ली। भारत अभी कोरोना की दूसरी लहर से ऊभर ही रहा है कि खतरे की घंटी बज चुकी है। ब्रिटेन समेत आधे यूरोप में तबाही मचाने वाला कोरोना का नया वैरिएंट ने देश में दस्तक दे दी है। इस वैरिएंट को Delta Plus- AY.4.2 का नाम दिया गया है। बताया जाता है कि यह वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट के तुलना में ज्यादा खतरनाक और संक्रामक है। इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. अनुराग अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि अभी AY.4.2 का डेटा सिर्फ यूके से आया है। भारत में भी इसके कुछ मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक इस पर नजर बनाए हुए हैं।
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वहीं, नए वैरिएंट से खतरे को लेकर भी अभी तक पूरी तरह से रिसर्च समाने नहीं आई है। इसके साथ ही अभी इस बारे में अभी बहुत ही कम सबूत मिले हैं कि संक्रमण से होने वाली बीमारी और मौतें भी इस नए म्यूटेशन से जुड़ी हुई हैं। INSACOG के एक वैज्ञानिक ने बताया कि जल्द ही इस वैरिएंट के मामलों की घोषणा की जाएगी। INSACOG कोरोना के जीनोमिक सीक्वेंस पर काम करने वालीं लैब्स का एक संघ है। INSACOG के मुताबिक, 11 अक्टूबर तक भारत में AY वैरिएंट के 4 हजार 737 मामले सामने आ चुके हैं।
मालूम हो कि ब्रिटेन में मिलने वाले इस वैरिएंट के चलते एक बार फिर यूरोप में संक्रमण दर तेजी से बढ़ा है। यूके के वैज्ञानिकों ने इसे ‘वैरिएंट अंडर इन्वेस्टिगेशन’ के रूप में क्लासिफाई किया है। यूके के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, AY.4.2 की ग्रोथ रेट डेल्टा की तुलना में 17% ज्यादा है। यूके में 23 अक्टूबर को 50 हजार से ज्यादा कोविड मामले दर्ज किए गए, जो 17 जुलाई के बाद सबसे ज्यादा है। यूके में डेल्टा वैरिएंट अब भी कहर मचा रहा है, लेकिन अब यहां AY.4.2 मिलने से मामले और तेजी से बढ़ने लगे हैं।
भारत के लिए खतरे की घंटी इसलिए भी है क्योंकि भारत और यूके के बीच सीधी उड़ानें एक बार फिर से शुरू हो गई है। भारत ने यूके को उन देशों की लिस्ट से भी हटा दिया है जहां से भारत आने वाले यात्रियों को 14 दिन का क्वारनटीन और कोविड का आरटीपीसीआर टेस्ट कराना जरूरी था। अब निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मंजूर किया जा रहा है. भारत के लिए एक चिंता की बात ये भी है कि यहां अब तक 30 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन की दोनों डोज दी गई है। जबकि, दुनिया के कई देशों में अब बूस्टर शॉट भी दिए जाने लगे हैं। भारत में अभी तक बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू नहीं हो पाया है।
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