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आज 31 दिसंबर है यानी साल 2021 का आखिरी दिन। आज की रात दुनिया भर में लोग नए साल (New Year) के आगाज के तैयारियों में जुट जाएंगे और रात को 12 बजते की नए साल यानी साल 2023 का स्वागत करेंगे। कोरोना (Corona) महामारी के चलते लोग घरों से बाहर ज्यादा जश्न नहीं मना पाएंगे। हालांकि, भारत में जहां रात 12 बजे नए साल का जश्न मनाया जाएगा वहीं कई देशों में तब तक नए साल का जश्न हो चुका होगा। टाइम जोन के हिसाब से एक देश में भारत से भी काफी पहले 1 जनवरी आ जाती है।
अक्सर नए साल के जश्न की तस्वीरें सबसे पहले 31 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया (Australia) के सिडनी (Sydney) से आती हैं। ऐसे में लोगों का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में ही सबसे पहले नए साल का जश्न होता है। नए साल पर यहां शानदार आतिशबाजी होती है, जिस कारण सिडनी चर्चा में रहता है, लेकिन यहां सबसे पहले नए साल नहीं होता है। नए साल का स्वागत करने वाला दुनिया का पहला देश ऑस्ट्रेलिया नहीं है।
यहां मनाया जाता है सबसे पहले नया साल
दुनिया में सबसे पहले नए साल का जश्न टोंगा में मनाया जाता है। टोंगा के प्रशांत द्वीप में नए साल में सबसे पहले दिन उगता है, जिससे ये पता चलता है कि सबसे पहले नए साल का जश्न यहां मनाया जाता है। अगर भारत के टाइम से तुलना करें तो टोंगा में टाइम भारत से 7.30 घंटे आगे चलता है। यानी जब भारत में 31 अक्टूबर को 4.30 बज रहे होते हैं, उस वक्त टोंगा में नए साल यानी 1 जनवरी की सुबह हो जाती है।
सबसे आखिरी में यहां होता है जश्न
दुनिया में सबसे आखिरी में नए साल का जश्न अमेरिका के कुछ आईलैंड्स में मनाया जाता है। अमेरिका (America) के बेकर आइलैंड और हाउलैंड आईलैंड में सबसे लेट सूरज निकलता है और पृथ्वी के चक्कर के हिसाब से यहां सबसे आखिरी में 1 जनवरी की शुरुआत होती है। जिसके चलते यहां सबसे आखिरी में नए साल का जश्न मनाया जाता है। वहीं, अगर भारत के हिसाब से बात करें तो भारत में जब शाम होती है तब वहां रात के 12 बजते हैं। जबकि, जब 1 जनवरी को भारत में शाम के साढ़े पांच बज रहे होते हैं, तब वहां रात के 12 बज रहे होते हैं और वह लोग उस वक्त जश्न मनाते हैं।
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