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हिमाचलः बास्केटबाल चैंपियन टीम से धोखा, स्टेट टीम में एक भी खिलाड़ी सिलेक्ट नहीं
कांगड़ा। कांगड़ा के डीएवी कालेज (Dav college) में सोमवार को संपन्न हुई इंटर कालेज बास्केटबाल (basketball) प्रतियोगिता में विजेता रही ऊना (una) की टीम के साथ धक्के शाही का मामला सामने आया है। दरअसल प्रदेश स्तर पर विजेता रही टीम के किसी भी खिलाड़ी (player) को राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेले जाने वाली प्रदेश विश्वविद्यालय की टीम में नहीं चुना गया है। गौरतलब है कि पीजी कालेज की टीम ने सरकाघाट कालेज को फाइनल में 25 अंकों के बड़े अंतर से मात दी थी। वहीं, इसी मैच के बाद इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता के लिए भी प्रदेश स्तरीय टीम का गठन किया गया, जिसमें विजेता टीम के किसी भी खिलाड़ी को शामिल नहीं किया गया। टीम के चयन से गुस्साए टीम के कप्तान (captian) ने मंगलवार को वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती से मुलाकात कर इस मामले से अवगत कराया। वहीं, मामला सामने आने पर वित्त आयोग अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने भी इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए इस मामले को विश्वविद्यालय के कुलपति सहित उचित मंच पर पर उठाने का ऐलान किया।
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सत्ती ने कहा कि प्रदेश स्तर पर विजेता रही टीम (winner team) में से किसी भी खिलाड़ी को राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए नहीं चुना जाना अन्याय है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मसले को विश्वविद्यालय के कुलपति सहित मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला की टीम के महज दो खिलाड़ियों को चुना गया था, जिनमें से एक को ओवर एज होने के चलते बाहर कर दिया गया, जबकि दूसरा खिलाड़ी आर्मी में सिलेक्शन होने के चलते भाग नहीं ले पाएगा। सतपाल सती ने कहा कि विजेता टीम को छोड़कर दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाली टीमों से चार चार खिलाड़ियों को चुना गया तो विजेता टीम के साथ ऐसा अन्याय क्यों। उन्होंने कहा कि पीजी कालेज ऊना (una college) की टीम के कैप्टन जो कि फाइनल के टॉप स्कोर रहे हैं, उन्हें भी नजरअंदाज किया गया है। प्रदेश स्तरीय टीम में जहां विजेता टीम से चार से पांच खिलाड़ियों को चुना जाना था, ऐसे में जानबूझकर उन खिलाड़ियों को चुना गया जो अगले प्रतियोगिता में भाग ही नहीं लेने वाले थे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विश्वविद्यालय के कुलपति, खेल विभाग के प्रभारी, प्रदेश के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री से भी इस मसले को उठाया जाएगा। जरूरत पड़ी तो केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर से भी इस मसले पर बात करते हुए खिलाड़ियों को इनसाफ दिलाया जाएगा।
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