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मानसून के सितमः कुल्लू, चंबा व पांवटा साहिब में आई बाढ़, 50 भेड़-बकरियां लापता, बैली ब्रिज बहा
हिमाचल प्रदेश में मानसून लगातार कहर बनकर बरप रहा है। कुल्लू व बिलासपुर में बादल फटने की घटनाओं के बाद आज फिर कुल्लू ,चंबा व पांवटा साहिब में बारिश के चलते नदी नालों में बाढ़ आई है। बाढ़ के चलते फसलों को नुकसान हुआ है। कुल्लू की गड़सा घाटी के जीवा नाला में बाढ़ आ गई है। भारी बारिश के चलते इस नाले में मलबा और पानी नदी किनारे खड़े पेड़ों को बहा ले गया। इस दौरान करीब 50 भेड़-बकरियां लापता होने की भी सूचना है। जबकि शिलागढ़ के पास एक बैली ब्रिज भी बह गया है।हालांकि लोगों ने फोन कर हुरला आदि क्षेत्रों के लोगों को बाढ़ आने के बारे में अलर्ट कर दिया है। चंबा उधर चंबा के चुराह इलाके के चांजू में हाइड्रो प्रोजेक्ट के पास इसी तरह की घटना हुई है। यहां पर बाढ़ से आसपास के इलाकों में खासा नुकसान हुआ है।
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मूसलाधार बारिश के चलते शनिवार को उपमंडल पांवटा साहिब के मिश्रवाला पंचायत समेत साथ लगते पिपलीवाला आदि क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए। यहां 240 बीघा जमीन पर धान की फसल पानी में डूब गई। इससे किसानों को 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। इसके साथ साथ इसी इलाके में सात घर भी बरसाती पानी में डूब गए। घरों में मलबायुक्त पानी घुसने से भारी नुकसान पहुंचा है। इसके बाद लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा। इसकी सूचना पांवटा साहिब प्रशासन को दी गई। इसके बाद एसडीएम विवेक महाजन, तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री व अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी केएल चौधरी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम पांवटा विवेक महाजन ने बताया कि लगभग 30 लाख का नुकसान हुआ है। पटवारी को नुकसान का आंकलन कर जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 240 बीघा जमीन में लगी धान का नुकसान हुआ है। इसी क्षेत्र में सात घरों को भी पानी से नुकसान हुआ। उन्होंने पीडि़त परिवारों को 10 हजार रुपये फौरी राहत दी है। इसके साथ ही जो फसल का नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर मुआवजा दिया जाएगा।
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