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गुगा नवमी: 9 दिन की यात्रा के बाद मूल स्थान लौटे देवता
ऊना। रक्षाबंधन के दिन से शुरू हुई विभिन्न देवी- देवताओं के छत्र की यात्रा शनिवार को गुगा नवमी (Guga Navami) के मौके पर संपन्न हुई। इसी कड़ी में जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव डंगोली में सिद्ध बाबा भर्तृहरि के मंदिर में भी समारोह का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि रक्षाबंधन के दिन से सिद्ध बाबा भर्तृहरि के छत्र का श्रृंगार कर सेवकों की मंडली गांव गांव जाकर उनकी महिमा का गुणगान और कार सेवा कर रही थी। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार शांडिल्य ने बताया कि इस प्राचीन मंदिर के साथ हजारों श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी है। रक्षाबंधन के दिन से शुरू हुई इस यात्रा में दूर-दराज से श्रद्धालु शामिल हुए। वहीं शनिवार को गुगा नवमी के अवसर पर मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना और आरती के बाद छत्र को विश्राम दिया गया है।
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इस मौके पर रोट प्रसाद चढ़ाने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं में मनीष कुमार शर्मा ने कहा कि यह मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है और अपने पूर्वजों से ही वह कुलदेवता की महिमा के बारे में सुनते आए हैं जिसके चलते वह गरीब है 18 वर्ष से इस नौ दिवसीय यात्रा में भाग ले रहे हैं। वहीं दूसरे श्रद्धालु नवीन चंद्र शर्मा ने बताया कि सिद्ध बाबा भर्तृहरि नाथ संप्रदाय की प्रमुख देवता हैं और उन्होंने कई साहित्य के संरचनाएं भी की हैं जिनमें से नीति शतक एक ऐसी संरचना है जिसके आधार पर समाज में हर प्रकार की नीतियों को निर्धारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि कुलदेवता की महिमा ऐसी है कि श्रद्धालु दूर दराज से मुरादे पाने के लिए यहां पर आते हैं और कोई भी खाली वापस नहीं लौटता।
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