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हिमाचल के आपदा पीड़ितों को एक साल तक मिली किस्त अदायगी से छूट
शिमला। हिमाचल प्रदेश के आपदा पीड़ितों (Disaster Affected Families) को अगले एक साल तक किस्त की अदायगी से छूट मिल गई है। यह रियायत उन्हीं आपदा पीड़ितों को मिलेगी, जो नियमित रूप से किस्त जमा करते रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए अधिस्थगन (Moratorium) अवधि एक साल बढ़ेगी। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (State Level bankers Committee) ने हाल की प्राकृतिक आपदा को देखते हुए ऋण पुनर्गठन (Loan Restructuration) का फैसला लिया है।
भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए यह पहल की गई है। बीमा कंपनियों को भी प्रभावितों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को यहां हुई बैंकर्स समिति की 169वीं बैठक में प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रभावित ऋणों को राहत उपाय प्रदान करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
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सभी बैंक लोन का करेंगे पुनर्गठन
आपदा को देखते हुए प्रदेश के सभी बैंक जल्द ऋणों का पुनर्गठन करेंगे। उन्होंने सभी बैंकों से सीएम राहत आपदा कोष (State Disaster Relief Fund) में योगदान देने का अनुरोध भी किया। बैंकर्स समिति के अधिकारियों ने बताया कि ऋण अवधि के दौरान अधिस्थगन अवधि वह समय है, जब उधारकर्ता को किसी भी पुनर्भुगतान की आवश्यकता नहीं होती। इसके तहत समान मासिक किस्तों के अनुसार पुनर्भुगतान शुरू होता है। अधिस्थगन अवधि एक विशेष अवधि है, जिसके दौरान लोन लेने वाले को ईएमआई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती। प्रदेश में बीते दिनों आई प्राकृतिक आपदा में कई लोग प्रभावित हुए हैं। ऐसे लोग जो नियमित तौर पर अपने ऋण की अदायगी करते रहे हैं। अब उनकी मदद के लिए बैंक आगे आए हैं। लोन लेने वाले की सहमति के बाद यह सुविधा दी जाएगी।
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