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Hallmarking | Jewelry | Goldsmiths |
केंद्र सरकार द्वारा पूरे भारतवर्ष में ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग आवश्यक कर दिया गया है। कोई भी स्वर्णकार अब अपनी ज्वेलरी एचयूआईडी के बिना नहीं बेच सकता है। ऐसे में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा स्वर्णकारों को जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा मंगलवार को मंडी जिला के स्वर्णकारों के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में मंडी के करीब 100 स्वर्णकारों ने हिस्सा लिया। इस दौरान स्वर्णकारों ने सवाल कर अपनी शंकाओं को भी दूर किया। इस जागरूकता कार्यक्रम अध्यक्षता भारतीय मानक ब्यूरो परवाणू के संयुक्त निदेशक राम चरण दास ने की। कार्यक्रम के उपरांत मीडिया से बातचीत के दौरान भारतीय मानक ब्यूरो परमाणु संयुक्त निदेशक राम चरण दास ने बताया पति अपने पूरे जिंदगी की कमाई सोने के आभूषणों को खरीदने के लिए लगा देता है। आभूषणों पर हॉलमार्किंग करने से आभूषणों की सही कैरट का पता लग जाता है। पुराने समय में ग्राहकों को ज्यादा कैरेट बताकर आभूषण थमा दिए जाते थे। जिसकी उन्हें बाद में बेचने पर कम कीमत मिलती थी। लेकिन हॉलमार्क ज्वेलरी से अब यह सब कुछ खत्म हो गया है। हॉलमार्क ज्वेलरी पर बैंकों से लोन लेने पर ग्राहक को खरीदे गए कैरट की सही कीमत मिलेगी।